किसान दिन रात मेहनत कर अपनी खेत में फसलों को उगाता है, क्यूंकि खेती ही किसानों के जीवन का आधार होती है. किसानों के लिए फसलें ही एक मात्र जरिया होती हैं, जिनसे वे अधिक आय कमा सकते हैं
मगर किसानों को खेती के कार्यों में कई तरह की परेशानियों का समाना करना पड़ता है. कई बार उनकी फसलें बर्बाद हो जाती हैं, जिनके भुगतान के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन फिर भी किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नही मिल पाता है. ऐसी ही परेशानी राजस्थान के किसान झेल रहे हैं.
बता दें राजस्थान के कोटा जिले के रामगंजमंडी (Ramganjmandi) के किसानों को फसल की बर्बादी को लेकर काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. वह सरकार से अपनी फसल की बर्बादी के मुआवजे की मांग कर रहे है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है
किसानों का कहना है कि हम दिन रात मेहनत कर अपनी फसलों को उगाते हैं, लेकिन किसी न किसी रूप में हमारी मेहनत पर पानी फिर जाता है. इसके आगे किसानों का कहना है कि एक तरफ हमारी फसलों को प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) नष्ट कर देती हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार भी हमारी नहीं सुन रही है. किसानों का कहना है कि सरकार हमें सिर्फ आश्वासन देती हैं, लेकिन हमारी फसलों की बर्बादी की भरपाई नहीं कर रही है.
2 साल पहले की गई थी मुआवजे की बात (The Matter of Compensation Was Done Two Years Ago)
किसानों का कहना कि 2 साल पहले सरकार ने रामगंज उपखंड क्षेत्र में फसलों का सर्वे किया गया था. इस दौरान 85 प्रतिशत फसलें खराब पाई गई थीं, जिसके बाद सरकार ने किसानों को फसलों की भरपाई करने के लिए मुआवजे (compensation) की घोषणा की थी
इसमें सरकार ने प्रति हेक्टेयर लगभग 27 हजार रूपए अधिकतम 54 हजार मुआवजे देने का वादा किया था. मगर अभी तक किसानों को यह मुआवजा नहीं मिला है. ऐसे ही कृषि से सम्बंधित जानकारियां जानने के लिए पढ़ते रहिये कृषि जागरण हिंदी पोर्टल की खबरे
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