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अच्छी खबर: किसानों को यहां मिलेगी खेती और कोरोना से जुड़ी हर अपडेट

आधुनिक समय में किसानों तक कृषि संबंधी जानकारी पहुंचाने के लिए तमाम मोबाइल ऐप और अन्य साधन हैं. इनके द्वारा किसान हर आधुनिक जानकारी प्राप्त कर सकता है. इस वक्त हमारा देश जिन हालातों से गुज़र रहा है, ये किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में सरकार, बड़ी कंपनियां, बॉलीवुड स्टार समेत कई वर्ग के लोग सरकार की मदद कर रहे हैं.

कंचन मौर्य

आधुनिक समय में किसानों तक कृषि संबंधी जानकारी पहुंचाने के लिए तमाम मोबाइल ऐप और अन्य साधन हैं. इनके द्वारा किसान हर आधुनिक जानकारी प्राप्त कर सकता है. इस वक्त हमारा देश जिन हालातों से गुज़र रहा है, ये किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में सरकार, बड़ी कंपनियां, बॉलीवुड स्टार समेत कई वर्ग के लोग सरकार की मदद कर रहे हैं. इस कड़ी में बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने भी एक मिसाल कायम की है. दरअसल, इस वक्त बिहार कृषि विश्वविद्यालय का सामुदायिक रेडियो एफएम ग्रीन किसानों का बड़ा सहारा बना हुआ है. इसके जरिए किसानों को खेतीबाड़ी संबंधी नई जानकारी दी जाती है. इस रेडियो का प्रसारण भागलपुर और पटना से किया जाता है.    

किसानों को देता है खेती और कोरोना से जुड़ी जानकारी

90.8 एफएम ग्रीन पर मनोरंजन के प्रसारण का समय भी बढ़ा दिया गया है. इस पर किसानों को कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही किसानों का मनोरंजन भी किया जाता है. इसके लिए रेडियो पर लोकगीतों का प्रसारण किया जाता है. इस कार्यक्रम का प्रसारण 12 घंटे किया जाता है. यह सुबह 10 से रात 10 बजे तक आता है. खास बात है कि लॉकडाउन की स्थिति में किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सलाह भी दी जाती है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृषि वैज्ञानिक घर बैठे ही किसानों को कोरोना और  कृषि संबंधी जानकारी देते हैं. उनका मानना है कि इस वक्त किसानों के पास टीवी और रेडियो ही उपलब्ध हैं, जिसके द्वारा किसान सूचना प्राप्त कर सकते हैं. किसान टीवी पर देश-दुनिया की सूचनाएं प्राप्त कर सकता है, लेकिन खेतीबाड़ी से जुड़ी जानाकारी नहीं ले सकता है.

किस तरह रेडियो पर कार्यक्रम का प्रसारण होता है?

रेडियो पर कार्यक्रम प्रसारण में समस्या हो रही थी, क्योंकि यहां काम करने वाले लोग अलग-अलग जगहों से आते हैं. ऐसे में एक योजना पर काम किया गया. इस योजना के तहत एक छोटे से एंटीना के जरिए स्टूडियो को रिमोट एक्सेस पर लिया गया. इसके बाद कुछ तकनीकी सामान से एक छोटे कमरे में स्टूडियो तैयार किया गया. अब वैज्ञानिक अपने घर से किसानों को जानकारी उपलब्ध कराते हैं.

आपको बता दें कि इस वक्त किसानों को रबी फसलों की कटाई और आने वाले सीजन की फसलों की बुवाई करना है. किसानों तक जरूरी सूचनाएं पहुंचाना बेहद जरूरी है. ऐसे में बिहार कृषि विश्वविद्यालय का सामुदायिक रेडियो एफएम ग्रीन किसानों का एक बड़ा सहारा बना हुआ है.

ये खबर भी पढ़ें: पीएम किसान योजना में FTO is Generated क्या है? किसान ज़रूर पढ़ें इसका मतलब

English Summary: farmers are getting information about farming and corona on radio Published on: 08 April 2020, 06:05 PM IST

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