लखनऊ। कृषि, डेयरी व मुर्गी पालन के साथ साथ नवीन तकनीकों से किसानों को अवगत कराने के लिए लखनऊ में कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी में किसानों को कई प्रकार की योजनाओं व आधुनिक मशीनरी के बारे में जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी में सरकारी विभाग से लेकर कई कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनियों ने हिस्सा लिया।
कृषि, डेयरी, मुर्गी पालन से जुड़ी नई प्रौद्योगिकी में किसानों के रुझान को बढ़ाने के लिए लखनऊ के कॉल्विन तालुकेदार कॉलेज में प्रदेश सरकार,कीटूग्रीन संस्था और केंद्र सरकार की साझेदारी में कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। ये आयोजन सात अक्टूबर से आठ अक्टूबर तक चलेगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महिला परिवार शिशु कल्याण एवं पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी रही।
मेले में मौजूद उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. बीबीएस यादव ने बताया, " किसानों को डेयरी और पोल्ट्री में आ रही नई-नई टेक्नोलॅाजी और उपकरणों के बारे में पता चल सके। इसके लिए हर वर्ष इस कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है।"
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने एक ऐसी किट तैयार की है, जिसके ज़रिए दूध में मिलावट की जांच पांच मिनट में की जा सकेगी। बोर्ड द्वारा बनाई गई इस किट अब कंपनी के पास उपलब्ध है। मेले में स्टॅाल लगाए विजय ट्रेडिंग कंपनी के सेल्स मैनेजर मनीष कुमार ने बताया, " इस किट में कई लिक्विड हैं, जिनकी मदद से आसानी से दूध में मिलावट को जांचा जा सकता है। इसकी कीमत दो हज़ार रुपए है। किट में पूरी जानकारी लिखी है कि कैसे-कैसे दूध की जांच की जा सकती है।''
कृषि प्रदर्शनी में शामिल कुक्कुट निदेशालय के सयुक्त निदेशक डॅा पी.के. प्रधान ने बताया, " मुर्गी की चब्रो प्रजाति से किसानों को दोहरा लाभ होगा। चब्रो प्रजाति से मीट और अंडा दोनों ही लिया जा सकता है। इस सबसे अच्छी खासियत यह है कि इसके लिए अलग से काई आहार की जरुरत नहीं होती है। घर का ही बासी खाना इसको खिलाया जा सकता है। इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है।"
कुक्कुट निदेशालय के मुताबिक मुर्गी की चब्रो प्रजाति चड़ीगढ़ से लाई गई है। चब्रो प्रजाति के अलावा श्रीनिधि और ग्राम प्रिया जैसी प्रजातियों के चूजे भी दूसरें प्रदेशों से मंगवाए गए हैं,जिनकी हैचरी तैयार हो रही है। किसान इन प्रजातियों को बाराबंकी के निबलेट फार्म से ले सकते हैं।
कृषि प्रदर्शनी में स्टॅाल लगाए चड्ढा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के सेल्स मैनेजर अमरदीप सिंह ने बताया, " हमारे दूध खोया बनाने की मशीन, दूध पैक करने की मशीन, दूध से क्रीम निकालने की मशीन, दूध की कैन साफ करने की मशीन, घी में वसा देखने की मशीन जैसी तमाम मशीनों को हम तैयार कर रहे हैं और पशुपालक इनको खरीद भी रहे हैं।"
पोल्ट्री में तरह-तरह के उपकरणों का प्रयोग किया जा सकता है। वहीं पोल्ट्री फीड के प्लांट लगाकर किसान रोजगार पा सकता है। साई दुर्गा इंडस्ट्री के जी प्रसाद राजू ने बताया , '' देश में पोल्ट्री व्यवसाय तेज़ी से बढ़ रहा है। ऐसे में फीड की भी उतनी आवश्यकता है। पोल्ट्री फीड मशीन लगाकर फीड तैयार करके बाज़ार में बेच सकता है। इसमें 20 हज़ार से लेकर चार लाख पक्षियों का फीड बनाया जा है।''
साभार : गांव कनेक्शन
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