बीते साल गन्ने का रेट बढ़ाने के लिए किसान संगठनों ने जालंधर में दिल्ली-पानीपत हाइवे जाम किया था. इस दौरान पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह थे, जिन्होंने किसानों को गन्ने के रेट को बढ़ाने की बात कही थी. मगर अब तक उस बात पर सरकार द्वारा कोई पहल नहीं हुई, जिसको लेकर किसान काफी नाराज हैं.
दरअसल, पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी ने किसान संगठनों के साथ एक मीटिंग के दौरान गन्ने की फसल से उचित दाम दिलाने की बात कही थी, लेकिन पंजाब सरकार ने अब तक इस बात पर कोई एक्शन नहीं लिया है. इस बात पर चरणजीत चन्नी पर किसान संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा है.
इसके साथ ही किसान एकता मोर्चा ने चेतावनी पंजाब सरकार को गन्ने के रेट का मसला जल्द से हल करने को बोला है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी दे कि अगर ऐसा ना हुआ, तो फिर चंडीगढ़ में भी दिल्ली बॉर्डर की तरह डेरा जमा लेंगे. वहीँ, किसान नेता बलविंदर सिंह राजू, मनजीत सिंह राय, जंगवीर चौहान, मुकेश चंद्र, कुलदीप सिंह बाजीदपुर और सुखपाल सिंह ने कहा कि शुगरफेड के कानून के मुताबिक, अगर 14 दिन के भीतर भुगतान नहीं किया जाता है, तो हम संघर्ष शुरू करेंगे.
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पंजाब सरकार ने दिया था 2 दिन का भरोसा (Punjab Government Had Given 2 Days Assurance)
किसान एकता मोर्चा ने कहा कि पंजाब सरकार ने हमें भरोसा दिया था कि गन्ना मिलों को बुलाकर एक-दो दिन में गन्ने की फसल (Sugarcane Crop ) के रेट का मसला हल किया जाएगा. मगर आज 12 दिन बीत चुके हैं और अब तक सराकर का कोई जवाब नहीं आया है.
किसानों ने दी चेतावनी (Farmers Warned)
गुस्साए किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही कोई फैसला नहीं लिया, तो किसानों द्वारा ऐसा विरोध किया जाएगा कि सरकार संभाल नहीं पाएगी. वहीं, दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि हम गन्ने की फसल का 325 और 35 रुपए जोड़कर रेट नहीं लेंगे. हमें गन्ना मिल 14 दिन में 360 रुपए प्रति क्विंटल दे या फिर सरकार.
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