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IARI में आयोजित हुई किसान-वैज्ञानिक संवाद बैठक, मक्का आधारित फसल विविधीकरण पर की गई चर्चा!

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि प्रसार प्रभाग के प्रशिक्षण हॉल में मक्का आधारित फसल विविधीकरण पर किसान-वैज्ञानिक संवाद बैठक आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में 40 गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया.

KJ Staff
किसनों को जानकारी देते हुए आईएआरआई के संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. आरएन पडारिया, व बैठक में मौजूद किसान
किसनों को जानकारी देते हुए आईएआरआई के संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. आरएन पडारिया, व बैठक में मौजूद किसान

नई दिल्ली के पूसा परिसर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के कृषि प्रसार प्रभाग के प्रशिक्षण हॉल में 9 सितंबर 2024 को मक्का आधारित फसल विविधीकरण पर किसान - वैज्ञानिक संवाद बैठक आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में 40 गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया. इस बैठक में पूसा आईएआरआई के संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. आरएन पडारिया व 40 गांव विकास परिषद के अध्यक्ष डीपी गोयल विशेष रूप से उपस्थित रहे. इस दौरान पूसा के वैज्ञानिकों ने मक्का की बढ़ती मांग पर अपने विचार प्रस्तुत किए. 

कार्यक्रम में आनुवांशिकी विभाग के प्रमुख डॉ. गोपाल कृष्णन ने मक्का की विभिन्न किस्मों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये किस्में पोल्ट्री, स्वीट कॉर्न और चारे के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जहां अभी 38 मिलियन मीट्रिक टन मक्का का उत्पादन हो रहा है. 2030 तक यह आंकड़ा 48 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है. मौजूदा समय में 20 मिलियन मीट्रिक टन की मांग पूरी करनी है, इसलिए किसानों को मक्का की खेती पर ध्यान देना चाहिए. 

इस अवसर पर आईएआरआई के संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. आरएन पडारिया ने बताया कि मक्का आधारित उद्यमिता में विशेष संभावनाएं है. विशेषकर इथेनॉल उत्पदन, मुर्गी पालन, न्यूट्रीएंट पॉप कोर्न आदि में मक्का की मांग बढाती जा रही है. मक्का से इथेनॉल का व्यवसाय भी विकसित हो रहा है, खासकर पोल्ट्री फार्म में जहां विटामिन A और E से समृद्ध किस्मों की मांग है. उन्होंने किसानों को मक्का आधारित फसल विविधकरण को अपनाना चाहिए.

इस दौरान डॉ. फिरोज हसन ने पूसा संस्थान द्वारा विकसित की गई मक्का की उन्नत प्रजातियों के बारें में गहनता से जानकारी दी. साथ ही उन्होंने मक्का की फसल की खेती, सुरक्षा व कीट प्रबंधन के बारे में किसानों को बताया. कार्यक्रम ने किसानों को मक्का आधारित फसल विविधीकरण की महत्व से अवगत कराया और उन्हें भविष्य में अधिक मुनाफे और बेहतर खेती के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया.

इस दौरान डॉ. डीपी गोयल ने ‘बताया कि 40 गांव विकास परिषद के माध्यम से उनके अपने गांव में एक स्मार्ट केंद्र खोला जा रहा है. जिसमे किसानों को मिट्टी परीक्षण, ड्रोन और अत्याधुनिक तकनीकों की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इस अवसर पर एवीपीएल इंटरनेशनल ड्रोन कंपनी की पब्लिक रिलेशन प्रबंधक अंजुल त्यागी ने मक्का की फसल पर ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव और अन्य कृषि उपयोग के बारे में जानकारी दी.

इस दौरान IRAI वैज्ञानिक डॉ विग्नेश, डॉ नयन अहमद, डॉ देवाशीष मंडल. डॉ संजय राठौर, डॉ दिनेश कुमार, डॉ सत्यप्रिय, डॉ अनिल कुमार, डॉ नफ़ीस अहमद व 40 गांवों के खाप प्रधान जयपाल सिंह सहित 40 किसान मौजूद रहें.

English Summary: farmer scientist dialogue meeting organized at IARI discussion on maize based crop diversification Published on: 12 September 2024, 02:20 PM IST

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