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Farmer Protest: किसान आंदोलन में शामिल होगें राकेश टिकैत, 28 दिनों से चल रहा है धरना प्रदर्शन

आजमगढ़ में चल रहे किसान आंदोलन को धार देने किसान नेता राकेश टिकैत पहुंच रहे हैं. बता दें कि किसान पिछले 28 दिनों से एयरपोर्ट विस्तारीकरण के विरोध में धरने पर हैं...

निशा थापा
किसान आंदोलन में शामिल होगें राकेश टिकैत, 28 दिनों से चल रहा है धरना प्रदर्शन
किसान आंदोलन में शामिल होगें राकेश टिकैत, 28 दिनों से चल रहा है धरना प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में पिछले 28 दिनों से महिलाएं व किसान धरने पर बैठे हुए है. बता दें कि किसान आजमगढ़ के मंदुरी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के विरोध में धरना प्रर्दशन कर रहे है. किसानों को कहना है कि हम अपनी जान दे देंगे मगर जमीन नहीं देंगे. किसानों के मसीहा कहे जाने वाले राकेश टिकैत किसानों के प्रदर्शन को और रफ्तार देने पहुंच रहे हैं. ताकि भूमी अधिग्रहण के इस प्रस्ताव को खारिज किया जा सके.

बता दें कि राकेश टिकैत धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंच कर उन्हें संबोधित करेंगे. उनके यहां पहुंचने से यकीनन आंदोलन को धार मिलेगी. इससे पहले मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर भी आंदोलन में शामिल हुईं और उन्होनें किसानों को सरकार के खिलाफ यह लड़ाई जारी रखने का आश्वासन दिया.  इस धरना प्रदर्शन में इससे पहले भी हरियाणा और उत्तराखंड के किसान नेता शामिल हुए थे तथा उन्होंने भी सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी थी.  

किसान आंदोलन

किसानों का यह आंदोलन बीते 28 दिनों से मंदुरी के जमुआ में चल रहा है. इस आंदोलन में तकरीबर 1.5 दर्जन गांव के लोग इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में है. बता दें कि सरकार द्वारा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए जमीन अधिग्रहीत की जानी है. इससे लगभग 8 गांव की 40 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हो रही है. इस आंदोलन में महिलाएं, किसाव व बच्चे बड़ी संख्या में हिस्सा ले रहे हैं. हाथ में बैनर लिए महिलाएं व बच्चें मांग कर रहे हैं कि अपनी जमीन व आशियाना नहीं देंगे.

इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण भूमी अधिग्रहण पर धरना प्रदर्शन
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण भूमी अधिग्रहण पर धरना प्रदर्शन
"हम अपनी जमीन व आशियाना नहीं देंगे " आजमगढ़ में  एयरपोर्ट विस्तारीकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन
"हम अपनी जमीन व आशियाना नहीं देंगे " आजमगढ़ में एयरपोर्ट विस्तारीकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन

आजमगढ़ एयरपोर्ट

  • आजमगढ़ एयरपोर्ट वहां चल रहे आंदोलन की वजह से खूब सुर्खियां बटौर रहा है. लेकिन बता दें कि इससे पहले भी यहां पर कई उड़ाने भरी जा चुकी हैं.

  • वर्ष 2005 में यहां हवाई पट्टी हुआ करती थी. जहां से कई बड़े नेताओं ने उड़ान भरी है. इसके बाद योगी आदित्यानाथ ने साल 2018 में इस हवाई पट्टी को हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की .

  • वर्ष 2019 में आजमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सरकार ने 18.21 करोड़ रुपए का बजट रखा. जिसके कुछ वक्त बाद यह हवाई अड्डा बनकर तैयार हो गया.

  • इसके बाद सरकार ने एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए आजमगढ़ को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनाने के लक्ष्य के साथ 670 एकड़ भूमि के निरिक्षण का कार्य जिला प्रशासन को दिया.

  • जिला प्रशासन के सर्वे कार्य के विरोध में ही किसान पिछले 28 दिनों से वहां धरने पर बैठे हुए हैं. ऐसे में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मास्टर प्लान वापस लिए जाने की लगातार मांग उठ रही है. किसानों को कहना है कि जान दे देंगे मगर जमीन नहीं.

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देखा जाए तो यदि एयरपोर्ट का विस्तारीकरण होता है, विकास कार्य को गति जरुर मिलेगी, मगर किसान को भारी नुकसान होगा. क्योंकि किसानों की आजीविका खेती ही है. जमीन अधिकृत होने के बाद किसानों के पास से आय के स्त्रोत खत्म हो जाएंगे.

English Summary: Farmer Protest: Rakesh Tikait will join the farmers' movement in Azamgarh, the protest is going on for 28 days Published on: 09 November 2022, 12:58 PM IST

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