कोरोना और लॉकडाउन ने आम लोगों की जिंदगी को बदल कर रख दिया है. इस स्थिति में सबसे ज्यादा गरीब किसान, और मजदूरों को बेबस बनाया है. इसी बेबसी की एक तस्वीर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से सामने आई है. जहां एक मजबूर किसान इतना बेबस हो गया कि खेत में फसल उगाने के लिए अपने दो बेटों को हल से लगाकर किसान जुताई करना लगा. इस संकट की घड़ी ने कई बेबस किसान और मजदूरों की जिंदगी को बदलकर रख दिया है. किसान को हमेशा किसी न किसी मूसीबत से जूझना पड़ता है फिर चाहे बेमौसम बारिश, सूखा, आंधी, तूफान हो या फिर फसल न बिकने की वजह से आर्थिक तंगी.किसान की मानें, तो लॉकडाउन के चलते सब्जियों की पूरी फसल खराब हो गई, जिससे किसान को काफी नुकसान हुआ है. इसी दैरान उसके बैल भी बीमार पड़ गए हैं, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह बैलों का इलाज नहीं करा पा रहा है. किसान जयदेव दास छिंदवाड़ा के सांवले बाड़ी का रहने वाले है, जिसने अपने बेटों को ही बैल बनाकर हल से खेत की जुताई करवाई है ताकि दूसरी फसल के लिए खेत को तैयार किया जा सके.
किसान जयदेव दास का कहना है कि उसके दो बैल हैं. मगर एक बैल बीमार पड़ गया है, लिन उसके पास इतने पैसा नहीं हैं कि वह बैल का इलाज करा सके या फिर एक नया बैल खरीद सके. ऐसे में अपने बेटों को ही बैल बनाकर काम कराना पड़ रहा है.किसान के बेटों का कहना है कि हमारी आर्थिक हालत बहुत खराब है. इस साल फसल भी बर्बाद हो गई है, तो आधी फसल बाजार में बिक नहीं पाई. किसान के पास 2 एकड़ जमीन है, जिसमें वह सब्जियों की खेती करके अपने परिवार का गुजरा करता है. कोरोना और लॉकडाउन की वजह से कई किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है, तो वहीं कई किसानों को खेती में करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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