गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी स्थित उर्वरक परियोजनाओं को फिर से चालू करने के लिए एनटीपीसी, आईओसीएल, सीआईएल और एफसीआईएल / एचएफसीएल की संयुक्त उद्यम कंपनी हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) ने भारतीय उर्वरक निगम लिमिटेड (एफसीआईएल) और हिंदुस्तान उर्वरक लिमिटेड (एचएफसीएल) के साथ भूमि के पट्टे से जुड़े और रियायत संबंधी समझौते किए हैं.
एचयूआरएल द्वारा इन तीन स्थानों पर उर्वरक परियाजनाएं स्थापित करने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 09 अगस्त, 2018 को भूमि के पट्टे के संबंध में मंजूरी दे दी थी, जिसके अनुसार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे और एफसीआईएल/एचएफसीएल द्वारा 55 वर्ष की अवधि के लिए एचयूआरएल को जमीन पट्टे पर दी जाएगी.
एफसीआईएल की गोरखपुर और सिंदरी इकाइयों और एचएफसीएल की बरौनी इकाई के फिर से चालू होने से उर्वरक क्षेत्र में पर्याप्त निवेश सुनिश्चित हो सकेगा. इससे नौकरियों के अवसर पैदा होंगे और देश के पूर्वी क्षेत्र/राज्य की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. उर्वरक इकाइयों के फिर से चालू होने से यूरिया का स्वेदश में उत्पादन बढ़ेगा जिससे यूरिया में आत्मनिर्भरता बढ़ेंगी. सभी तीनों नए संयत्रों को चालू करने के लिए काम चल रहा है और इनके 2021 के आरंभ में चालू होने की उम्मीद है. दस्तावेजों में हस्ताक्षर की प्रक्रिया उर्वरक सचिव भारती शिवा स्वामी सीहाग विभाग और एचयूआरएल, एफसीआईएल, एचएफसीएल तथा पीडीआईएल के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पूरी हुई.
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