देश में हुई अच्छी बारिश ने खरीफ के सभी मुख्य फसलों को करने वाले सभी किसानों के चेहरे को प्रफुल्लित कर दिया है जिसके चलते गन्ने का उत्पादन जबरदस्त होने वाला है। इस्मा के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत आंकड़े के मुताबिक अक्टूबर में 35.50 करोड़ टन गन्ने का उत्पादन होने का अनुमान है। जिसके वजह से दस फीसदी रिकवरी दर पर 3.50 करोड़ टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जिसके वजह से गणना उत्पादक सभी किसानों और उद्योगों पर इस संकट के बादल भी मंडराने के संकेत हैं क्यूँकि इतनी प्रचुर मात्रा में चीनी का उत्पादन के साथ साथ संरक्षण के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है जो चीनी उद्योग समेत गन्ना किसानों की चुनौतियों को और गंभीर बना सकता है। फसलों की पैदावार को लेकर निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक चालू फसल वर्ष में 28.5 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार होगी। इसमें प्रमुख फसल गेहूं की पैदावार पिछले साल से अधिक 10 करोड़ टन होगी, जबकि चावल की पैदावार 11.3 करोड़ टन होगी। मक्के का उत्पादन 2.8 करोड़ टन होगा, जबकि अन्य मोटे अनाज वाली फसलों की कुल पैदावार 4.67 करोड़ टन होने का अनुमान है।दलहन वाली फसलों की खेती को रबी सीजन में जबर्दस्त प्रोत्साहन देने की योजना है। धान के बाद परती छोड़ दी जाने वाली जमीनों में से 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त दलहन की खेती की योजना है। इन तैयारियों के मद्देनजर सरकार का अनुमान है कि चालू फसल वर्ष में दलहन का कुल उत्पादन पिछले सालों के मुकाबले सर्वाधिक 2.5 करोड़ टन होगा।
खरीफ में जहां 90 लाख टन होगी, वहीं रबी सीजन में 16 लाख टन तक पैदावार का अनुमान है।खाद्य तेलों की आयात निर्भरता घटाने की योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है। खाद्यान्न वाली फसलों के साथ मिश्रित खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार का अनुमान है कि चालू वर्ष में तिलहन का कुल उत्पादन 3.60 करोड़ टन होगा। यह लक्ष्य पिछले फसल वर्ष के उत्पादन के मुकाबले लगभग 50 लाख टन अधिक है। घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए कपास की खेती का रकबा भी बढ़ा है, जिससे उत्पादन 3.55 करोड़ गांठ (प्रति गांठ-170 किग्रा) होने का अनुमान है।
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