ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग अपने स्वास्थ को लेकर लापरवाही करते आए हैं. जिसका नतीजा उन्हें खुद भुगतना होता है. इसका मुख्य कारण ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ सेवा का न होना या उसकी सुविधा ठीक ढंग से स्थानीय लोगों तक नहीं पहुँच पाना. कई बार ऐसा होता है की अगर गांव या पिछड़े इलाके में लोग बीमार पड़ते हैं, तो इलाज के लिए लम्बा सफ़र तय कर शहर की और भागना पड़ता है.
ऐसे में मरीज़ की हालत या तो और ज्यादा खराब हो जाती है या फिर उसे अपनी जान से साथ धोना पड़ता है. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए केंद्र ने बड़ा कदम उठाया था.
क्या है कायाकल्प योजना?
राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ख़ासकर ग्रामीण इलाकों में बेहतर सुविधाएं व रख रखाव सहित कई अन्य तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार की ओर से कायाकल्प योजना की शुरुआत की गई थी. दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई और संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए कायाकल्प योजना की शुरुआत की गई थी. जिसके तहत, जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी, रेफरल अस्पताल अमौर व रूपौली, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैसा, कसबा व भवानीपुर में रख रखाव व साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए मधेपुरा के जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रिस कुमार, जिला योजना समन्वयक गजेंद्र कुमार, सदर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक नवनीत कुमार के अलावा केयर इंडिया की ओर से मुरलीगंज स्वास्थ्य केंद्र के बीएम चंदन कुमार के द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी का निरीक्षण किया गया.
सरकार इस माध्यम से सुनिचित कर रही है कि कही भी आम जनता को कोई परेशानी न हो. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का विशेष ध्यान रखा गया है. आपको बता दें आज भी हमारे देश में कई ऐसे ग्रामीण या शहरी क्षेत्र हैं, जहां स्वास्थ सुविधा समुचित से नहीं पहुँच पाई है. ऐसी परिस्थिति में लोगों को शहरों के तरफ भागना पड़ता है. जिस वजह से वहां के अस्पतालों में भी लम्बी लाइनें लग जाती है. इसको भी मद्दे नजर रखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है.
शिक्षा को भी मिला कायाकल्प योजना का सहारा
वहीं दूसरी उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों की तस्वीर और स्थिति बदलने की बड़े पैमाने पर काम शुरू की है. इसको लेकर के योगी सरकार ने कायाकल्प योजना की शुरुआत की है. इसी के चलते अब कानपुर देहात के लगभग सभी सरकारी स्कूलों को कान्वेंट की तरह बनाने का प्लान कर रही है. अब सरकारी प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों को कान्वेंट की तरह तैयार किया जाएगा. 1933 सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां भी शुरू की दी है.बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्वयं सरकारी स्कूलों के कायाकल्प योजना के क्रियान्वयन के कार्यों की निगरानी कर शुरू की है. वहीं, सरकार के इस फैसले और प्रशासन के कदम से लोगों में खुशी देखने को मिल रही है. लोग जमकर सरकार और प्रशासन की तारीफ कर रहे हैं. इतना ही नहीं लोगों ने उम्मीद जताई है कि सरकार की इस पहल से ग्रामीण बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी.
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बच्चे को मिल रही सही शिक्षा
इस कायाकल्प योजना के तहत कानपुर देहात के लगभग सभी गांवों के विद्यालयों का सुन्दरीकरण कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर किया जाएगा. जिसके तहत स्कूलों में विद्यालय में रंग रोगन, टाइल्स, शौचालय, दिव्यांग रैम्प, रनिंग वॉटर, ब्लैक बोर्ड, बाउण्ड्रीवाल और पौधरोपण का कार्य कराने की योजना तैयार की गई है. दरअसल, योगी सरकार ने परिषदीय विद्यालयों को ऑपरेशन कायाकल्प योजना के तहत संवारने का काम शुरू कराया है. इस योजना के तहत योगी सरकार ने कान्वेंट की तरह रंग रोगन कराकर विद्यालय को आकर्षक बनाने की कवायद शुरू की है, ताकि बच्चों में स्कूल जाने का उत्साह दिखे और स्कूल जाकर शिक्षा ग्रहण करने का काम बच्चे मन लगाकर करें.
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