Drone Technology in Fisheries: भारत आज विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है और ग्लोबल फिश प्रोडक्शन में देश का योगदान लगभग 8 प्रतिशत है. मत्स्य पालन क्षेत्र में निर्यात दोगुना करने पर केंद्रीय सरकार के साथ- साथ राज्य सरकार भी अपने स्तर पर लगातार काम कर रही है. इसी क्रम में मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के मत्स्यपालन विभाग, राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, हैदराबाद एवं पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त तत्वाधान में 20 अक्टबूर, 2024 (रविवार) को ज्ञान भवन, पटना, बिहार में कार्यक्रम आय़ोजन किया गया. यह एक दिवसीय कार्यक्रम ‘‘मत्स्यपालन के क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग एवं प्रत्यक्षण‘‘ विषय पर रहा.
बता दें कि इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा किया गया. इस दौरान उन्होंने मछली पालकों को मत्स्य पालन क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग और उसके फायदे के बारे में अवगत करवाया.
मछली पालकों को मत्स्य बीज और आहार किए वितरण
कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार एवं राजीव रंजन सिंह ने केन्द्र प्रायोजित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लाभुकों को अनुदान राशि का चेक, मत्स्य पालकों को कुल 0.50 लाख मत्स्य बीज एवं 7 टन मत्स्य आहार का वितरण भी किया गया. मुख्यमंत्री बिहार, नीतीश कुमार ने बिहार राज्य में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की सराहना की. उन्होंने कहा कि बिहार के कृषि रोडमैप में मत्स्य पालन और जलीय कृषि भी शामिल है.
मछली पालन क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग और उसके फायदे
कार्यक्रम में ड्रोन प्रदर्शनी के साथ-साथ ड्रोन Live Demonstration किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन में ड्रोन के उपयोग के बारे में जानकारी देना है. जहां मछली पालकों को पता चला कि ड्रोन समय और श्रम की लागत को कम करने में मदद करते हैं, जैसे कि-
- मछली के बीज छोड़ना, आहार वितरित करना और आपातकाल में जीवन रक्षक सामग्रियाँ पहुँचाना. ड्रोन का उपयोग मछली का परिवहन, जल क्षेत्रों का सर्वेक्षण, और डेटा एकत्र करने में भी किया जा सकता है.
- विभिन्न क्षेत्रों में अपने व्यापक अनुप्रयोगों के लिए पहचानी जाने वाली ड्रोन तकनीक को अब मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में खोजा जा रहा है.
- निगरानी, फार्म प्रबंधन और बीमारी का पता लगाने जैसे कार्यों को बढ़ाने की क्षमता के साथ, ड्रोन उद्योग में क्रांति लाने के लिए तैयार है.
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वही, कार्यशाला में विशेष रूप से स्टॉक मूल्यांकन, पर्यावरण निगरानी, सटीक मछली पकड़ने और मछली परिवहन में ड्रोन के अभिनय अनुप्रयोगों का प्रदर्शन किया गया. कार्यशाला में तकनीकी सत्रों में ICAR- CIFRI के निदेशक, NFDB के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एवं Startups ने प्रस्तुतियों के साथ मत्स्य पालन में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला.
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