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डॉ. राजाराम त्रिपाठी राज्य स्तरीय अलंकरण ‘प्राइड ऑफ नेशन-2025’ से सम्मानित

छत्तीसगढ़ के डॉ. राजाराम त्रिपाठी को पर्यावरण संरक्षण, जनजातीय उत्थान और जैविक कृषि नवाचारों में योगदान के लिए ‘प्राइड ऑफ नेशन-2025’ से सम्मानित किया गया. मां दंतेश्वरी हर्बल फ़ार्म के माध्यम से उन्होंने हजारों किसानों को प्रशिक्षण दिया है और उच्च उपज वाली फसलें, औषधीय पौधे एवं पारंपरिक ज्ञान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाया है.

KJ Staff
सफल  किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी
सफल किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी

रायपुर/कोंडागांव: छत्तीसगढ़ की राजधानी में आयोजित एक भव्य और गरिमामय राज्य स्तरीय समारोह में देश के प्रख्यात जैविक कृषि वैज्ञानिक, केंद्रीय हर्बल एग्रो मार्केटिंग फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (CHAMF) के चेयरपर्सन तथा अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजाराम त्रिपाठी को वर्ष ‘प्राइड ऑफ नेशन अवार्ड–2025’ से अलंकृत किया गया. यह सम्मान उन्हें पर्यावरण संरक्षण, जनजातीय समुदायों के उत्थान, जैविक कृषि नवाचारों और किसान-केंद्रित राष्ट्रीय अभियानों में उनके दीर्घकालिक योगदान के लिए प्रदान किया गया.

यह अलंकरण समता साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा सम्पन्न किए गए, जिनका वरण छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा और समता साहित्य अकादमी के प्रांताध्यक्ष जी. आर. बंजारे ‘ज्वाला’ ने किया.

जैविक कृषि नवाचार, जन-सेवा और जनजातीय उत्थान में अद्वितीय योगदान हेतु डॉ. राजाराम त्रिपाठी को मिला राज्य स्तरीय अलंकरण ‘प्राइड ऑफ नेशन-2025’ सम्मान
जैविक कृषि नवाचार, जन-सेवा और जनजातीय उत्थान में अद्वितीय योगदान हेतु डॉ. राजाराम त्रिपाठी को मिला राज्य स्तरीय अलंकरण ‘प्राइड ऑफ नेशन-2025’ सम्मान

समारोह में वक्ताओं ने कहा कि डॉ. त्रिपाठी ने अपने नवाचारों, लेखन, किसान आंदोलनों में नेतृत्व, तथा जैविक-औषधीय कृषि के राष्ट्रीय मॉडल विकसित कर भारत की किसान-नीति और पर्यावरण-चिंतन को नई दिशा दी है.

उन्हें यह सम्मान न केवल उनकी उपलब्धियों का स्वीकार है, बल्कि बस्तर की जनजातीय ज्ञान-परंपरा को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की उनकी सतत प्रतिबद्धता का भी सम्मान है.

डॉ. त्रिपाठी के नेतृत्व में 'मां दंतेश्वरी हर्बल फ़ार्म एवं रिसर्च सेंटर' कोंडागांव, बस्तर आज देशभर में जैविक खेती, प्रशिक्षण, प्राकृतिक खाद मॉडल, औषधीय पौधों की उच्च-उपज किस्मों और जनजातीय चिकित्सा अनुसंधान का प्रमुख केंद्र माना जाता है. देश-विदेश से आने वाले हजारों किसान और शोधार्थी यहां प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं.

समारोह में उपस्थित वरिष्ठ जनों ने कहा कि डॉ. त्रिपाठी जैसे व्यक्तित्व भारतीय कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और प्रकृति-संरक्षण की रीढ़ हैं, जिनके कार्य अगली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे.

डॉ. राजाराम त्रिपाठी: प्रमुख उपलब्धियां

  • भारत के उच्च उपज वाले काली मिर्च ‘MDBP–16’ के अधिकृत विकसितकर्ता, जिसे भारत सरकार ने पंजीकृत किया है

  • मां दंतेश्वरी नेचुरल ग्रीनहाउस मॉडल के जनक, जो पॉलीहाउस की तुलना में 40 लाख के स्थान पर मात्र 2 लाख प्रति एकड़ में विकसित

  • छह विषयों में स्नातकोत्तर और बस्तर की पारंपरिक चिकित्सा पर पीएच.डी.

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 60,000 से अधिक किसानों को जैविक कृषि, औषधीय पौधों और उद्यमिता का निःशुल्क प्रशिक्षण

  • ‘ग्लोबल ग्रीन वारियर’, ‘अर्थ हीरो अवार्ड’, ‘विभूति अलंकरण’, ‘कबीर साहित्य सम्मान’ सहित अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान

  • लोकप्रिय पुस्तकों ‘मैं बस्तर बोल रहा हूं’, ‘बस्तर बोलता भी है’, ‘दुनिया इन दिनों’, गांडा अनुसूचित जाति या जनजाति' (शोधग्रंथ) के प्रख्यात लेखक

English Summary: dr rajaram Tripathi pride of nation 2025 award organic farming tribal upliftment Published on: 12 December 2025, 06:53 PM IST

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