आईसीएआर पूर्वी क्षेत्र अनुसंधान परिसर, पटना ने वर्ष 2024-25 के लिए युवा वैज्ञानिक नवाचार परियोजना (वाईएसआईपी) का चयन करने के लिए संस्थान नवाचार प्रकोष्ठ के तहत 03 जून 2024 को एक बैठक आयोजित की. आईसीएआर-भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएबी), रांची और आईसीएआर-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-वीपीकेएएस), अल्मोड़ा के पूर्व निदेशक डॉ. अरुणव पटनायक मुख्य अतिथि थे, आईसीएआर-राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विकास दास जूरी सदस्य थे, जबकि अटारी पटना से एक प्रतिनिधि भी शामिल थे.
इस बैठक में संस्थान के युवा वैज्ञानिकों (40 वर्ष से कम आयु) ने कृषि के अग्रणी और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों जैसे कार्बन फार्मिंग, बायोफोर्टिफिकेशन, सेंसर आधारित सिंचाई, कृषि मेटाजीनोमिक्स, संरक्षण कृषि आदि में परियोजनाएं प्रस्तुत की और मूल्यांकन समिति के समक्ष अपने अभिनव विचार प्रस्तुत किए.
बता दें कि समिति ने प्रत्येक वैज्ञानिक कि परियोजना का गहन मूल्यांकन किया तथा परियोजना प्रस्ताव की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अपने बहुमूल्य फीडबैक और सुझाव दिए. डॉ. पटनायक ने अन्य समिति सदस्यों के साथ युवा वैज्ञानिकों के प्रयास की सराहना की तथा कुछ परियोजनाओं को मिलाकर बाह्य वित्त पोषण के लिए एक मेगा परियोजना बनाने का सुझाव दिया. डॉ. पटनायक ने अभिनव वाईएसआईपी योजना शुरू करने के लिए आईसीएआर आरसीईआर पटना की पहल की सराहना की, जिससे संस्थान के युवा वैज्ञानिकों को कृषि में अत्याधुनिक विचारों के साथ आने के अलावा बाह्य वित्त पोषण के लिए अपने विचारों को परिष्कृत करने में लाभ होगा.
डॉ. पटनायक ने आईएआरआई-हब पटना के छात्रों के साथ भी बातचीत की तथा सुझाव दिया कि उन्हें नवाचार की संस्कृति विकसित करने के अलावा आत्मसम्मान को संतुष्ट करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. वैज्ञानिकों के साथ बातचीत के दौरान, डॉ. पटनायक ने पड़ोसी वैज्ञानिक संस्थानों के साथ अच्छे सहयोग पर जोर दिया तथा कहा कि शिक्षण को शामिल करने से कौशल में सुधार होगा तथा हम अपडेट रहेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि सफलता का मुख्य मंत्र किसानों को लक्ष्य में रखते हुए अंतःविषय अनुसंधान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संस्थान के नवाचार प्रकोष्ठ का लक्ष्य बौद्धिक जिज्ञासा को बढ़ावा देना, रचनात्मक विचारों का समर्थन करना और युवा वैज्ञानिकों को उनके विचारों को जीवन में साकार करने के लिए उनकी पहल के माध्यम से एक मंच प्रदान करना है. बैठक औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुई.
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