दूध हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है. यह बात हम बचपन से सुनते आये हैं. बच्चे, बूढ़े, जवान या महिलाओं के लिए दूध पीना बहुत आवशयक है. हड्डियां मजबूत होती हैं, इसी लिए तो कहा जाता है की अगर अपनी माँ का दूध पिया है तो सामने आ..`तो कहने का मतलब हुआ की दूध ही ताकत का दूसरा नाम है.
अभी हाल ही में नाबार्ड ने एक ऐसी स्कीम निकाली है. डेयरी के विकास के लिए नाबार्ड ने ८००० करोड़ रूपए का विकास कोष बनाया है.
देश में दुधारू पशुओं से रोजगार की लगातार बढ़ती संभावनाओं के बीच केंद्र सरकार ने डेयरी उद्यमिता विकास योजना शुरू की है.
अगर आप भी मिल्क डेयरी खोलकर अपनी सुविधा के हिसाब से काम करना और पैसे कमाना चाहते हैं तो यह स्कीम आप जैसे लोगों के लिए ही है.
भारत में डेयरी बिजनेस की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए मोदी सरकार ने इसे और प्रमोट करने का निर्णय लिया है। इसके चलते सरकार ने साल 2018-19 में डेयरी एंटरप्रेन्यारशिप डेवलपमेंट स्कीम (DEDS) के लिए 323 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
इस पैसे से सरकार डेयरी खोलने वालों को 25 से 33 फीसदी सब्सिडी देती है। आप भी इस स्कीम का फायदा उठा कर डेयरी बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं। अगर आप 10 पशुओं की डेयरी खोलते है तो आपके प्रोजेक्ट की कॉस्ट 7 लाख रुपए आएगी और इसमें आपको लगभग 1.75 लाख रुपए की सब्सिडी मिल जाएगी।
कृषि मंत्रालय द्वारा यह सब्सिडी नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) के माध्यम से दी जा रही है। मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक, अगर आप एक स्मॉल डेयरी यूनिट खोलना चाहते हैं तो उसमें आपको क्रॉसब्रीड गाय जैसे साहीवाल, रेड सिंधी, गीर, राठी या भैंसें रखनी होंगी। आप इस यूनिट में 10 पशु रख सकते हैं। और ऐसे एक डेयरी की कॉस्ट 7 लाख रुपए होगी।
इस स्कीम के मुताबिक, प्रोजेक्ट कॉस्ट का 25 फीसदी कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी। जबकि एससी-एसटी किसान को 33 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। हालांकि यह सब्सिडी अधिकतम 10 पशुओं पर ही दी जाएगी। एक पशु के लिए सरकार 17,750 ( एससी-एसटी किसान को 23,300 प्रति पशु) सब्सिडी देगी यानी 10 पशुओं की डेयरी खोलने पर 1 लाख 77 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।
डेयरी एंटरप्रेन्यारशिप डेवलपमेंट स्कीम के तहत केवल दो पशुओं से भी डेयरी यूनिट शुरू की जा सकती है। उन्हें भी इस स्कीम के तहत सब्सिडी दी जा सकती है। 2 पशु वाली डेयरी यूनिट को 35 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। जबकि एससी-एसटी किसान को 46,600 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।
डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत दुग्ध उत्पाद (मिल्क प्रोडक्ट) बनाने की यूनिट शुरू करने के लिए भी सब्सिडी दी जाती है. योजना के तहत आप दुग्ध उत्पाद की प्रोसेसिंग के लिए उपकरण खरीद सकते हैं.
अगर आप इस तरह की मशीन खरीदते हैं और उसकी कीमत 13.20 लाख रुपये आती है तो आपको इस पर 25 फीसदी (3.30 लाख रुपये) की कैपिटल सब्सिडी मिल सकती है.
अगर आप एससी/एसटी कैटेगरी से आते हैं तो आपको इसके लिए 4.40 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है.
मिल्क कोल्ड स्टोरेज भी बना सकते हैं आप डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत दूध और दूधे से बने उत्पाद के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज यूनिट शुरू कर सकते हैं. इस तरह का कोल्ड स्टोरेज बनाने में अगर आपकी लागत 33 लाख रुपये आती है तो इसके लिए सरकार सामान्य वर्ग के आवेदक को 8.25 लाख रुपये और एससी/एसटी वर्ग के लोगों को 11 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है.
और क्या है योजना में शामिल?
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की तरफ से डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत पशु खरीदने, बछड़ा पालन, वर्मी कंपोस्ट, डेयरी पार्लर, दुग्ध शीतलन व अन्य कार्यों के लिए लघु व सीमांत किसानों सहित समूहों को प्राथमिकता दी जाती है.
इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं:
https://www.nabard.org/auth/writereaddata/File/Circular-DEDS%202018-19.pdf
चंद्र मोहन
कृषि जागरण
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