 
            कृषि क्षेत्र में समय-समय पर बदलाव किए जाते रहे है. इसके लिए प्रदेश सरकार कृषि अधिकारियों की नियुक्ति करते रहते है. कृषि क्षेत्र में विकास के साथ-साथ किसानों की प्रगति के लिए भी जागरुक कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है. वहीं आज 15 सिंतबर को अयोध्या मंडल के जिला कृषि अधिकारी ने विकास खंड सोहावल के ग्राम मंगलसी में प्रगतिशील कृषक शोभाराम के प्रक्षेत्र का निरीक्षण किया.
निरीक्षण के दौरान जिला कृषि अधिकारी ने प्रक्षेत्र पर एकीकृत कृषि प्रणाली और फसल विविधीकरण का जायजा लिया. इस क्षेत्र में खेती सहफसल के रूप में देखी. सहफसल के रुप में मुख्य फसल गन्ना, धान की खेती होती है. इसके साथ ही बागवानी में आम, केला की खेती का भी उत्पादन किया जाता है. इसके अलावा औषधीय फसलों में हल्दी, अदरक की खेती, बन्डा, सूरन का उत्पादन देखा. वहीं जिला कृषि अधिकारी ने प्रक्षेत्र पर बरबरी नस्ल की बकरी पालन से संबंधित जानकारी ली. अधिकारी ने सभी प्रक्षेत्र की कमियां और खूबियों को गंभीरता को समझा.
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            आपको बता दें कि यूपी में धान की खेती, गेहूं की फसल या अन्य संबंधित सभी फसलों का बढ़े स्तर पर उत्पादन किया जाता है. इसके साथ ही बढ़ते उत्पादन की बिक्री और लागत पर किसानों की नजर टिकी रहती है. लेकिन बढ़ते उत्पादन से प्राप्त फसल के बाद खेत में अवशेष रह जाते है. इसके लिए कृषि अधिकारी ने फसल अवशेष और गोबर को वेस्ट डीकम्पोजर के प्रयोग से तरल रूप में फसल को सिंचाई के रुप में देने की जानकारी ली.
इसके अलावा एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन को अपनाते हुए फेरोमोन ट्रैप और लाइट ट्रैप का प्रयोग बताया. नवोन्मेषी कार्य की संयुक्त कृषि निदेशक एवं जिला कृषि अधिकारी ने सराहना की.
 
                 
                     
                     
                     
                     
                                                 
                                                 
                         
                         
                         
                         
                         
                    
                
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