इस वर्ष समय से पहले गर्मी पड़ने की वजह से यूपी, हरियाणा और पंजाब के किसान परेशान हैं. राजस्थान जैसे राज्य में तो हालात और भी खराब है. भीषण गर्मी और हीटवेव की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है.
रही सही कसर लू ने पूरी कर दी है जो लोगों को घर से बाहर ही नहीं निकलने दे रही. शोधकर्ताओं की मानें तो मार्च में गर्मी पड़ने से खेती के कुल उत्पादन में 5 से 6 प्रतिशत तक कमी देखी जा सकती है क्योंकि गर्मी की वजह से फसलों को ज्यादा पानी देना पड़ता है. अगर फसलों को सही से पानी नहीं मिले तो उत्पादन में कमी आ जाती है. इससे मंहगाई बढ़ेगी, किसानों और आम आदमी की मुसीबतें भी बढ़ेगी.
गेहूं पर मौसम की मार
भारत के आधे से ज्यादा राज्यों में पड़ रही भीषण गर्मी ने गेहूं की फसल को बुरी तरह से प्रभावित किया है. गर्मी समय से पहले पड़ने के कारण इस फसल की पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ा है. हीट वेव फसल को झुलसा रही है.
देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में स्थिति विकट है. यूपी, हरियाणा और पंजाब में इसका ज्यादा असर देखने को मिला है. इसीलिए केंद्र सरकार ने भी गेहूं उत्पादन के लक्ष्य को 11.10 करोड़ टन से घटाकर 10.5 करोड़ टन कर दिया है.
मूंग और उड़द भी है बेहाल
गर्मी में उगाई जाने वाली फसलें जैसे मूंग और उड़द गर्मी की मार से नहीं बच पाई है क्योंकि तापमान ज्यादा होने से इन दालों की फलियां नहीं बन पाएंगी. हीटवेव का सब्जियों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. जायद फसलों के लिए अधिकतम तापमान 35 डिग्री होना चाहिए. आसमान से बरसती आग ने दलहन को झुलसा दिया है.
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तेज धूप से जल रही रही है हरी सब्जियां
तेज धूप ने हरी सब्जियों को झुलसा कर रख दिया है. मौसमी सब्जियों की पैदावार में कमी आई है और इसीलिए इनके भाव आसमान को छू रहे हैं. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान ही नहीं शिमला, हिमाचल प्रदेश में भी पिछले करीब एक माह से जारी शुष्क मौसम और गर्मी की स्थिति ने मौसमी और बेमौसमी सब्जियों और रबी फसलों को नुकसान पहुंचाया है.
क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार देश के कुछ राज्यों में 13 मई से गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. राजस्थान के हलधरों को अभी और इंतज़ार करना होगा.
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