पिछले वित्त वर्ष में गैर-जीवन बीमा क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के एक प्रतिशत के जादुई आंकड़े को पार कर जाने के बाद इस क्षेत्र की कंपनियों को अगले पांच साल में दोगुना वृद्धि होने की उम्मीद है। कई सालों से जी.डी.पी. के 0.7 से 0.8 प्रतिशत के स्तर पर रहने के बाद गैर-जीवन बीमा क्षेत्र उद्योग की पहुंच का स्तर मार्च 2016 में बढ़कर 1.04 प्रतिशत तक पहुंच गया। इस उद्योग क्षेत्र के संगठन साधारण बीमा परिषद द्वारा संग्रहीत आंकड़ों के अनुसार इस उद्योग क्षेत्र का आकार 1,270 अरब रुपए हो गया। इसमें प्रमुख हिस्सा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का रहा है जिससे 21,000 करोड़ रुपए का प्रीमियम आया है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में वास्तविक जी.डी.पी. में वृद्धि 1,21,900 अरब रुपए रही जो वित्त वर्ष 2015-16 में 1,13,810 अरब रुपए थी। जब यही बात साधारण बीमा क्षेत्र उद्योग के बारे में देखते हैं जो वित्त वर्ष 2016-17 में यह कारोबार 33 प्रतिशत बढ़कर 1,270 अरब करोड़ रुपए रहा जो वित्त वर्ष 2015-16 में 96,000 करोड़ रुपए था। इस प्रकार यह जीडीपी के 0.85 प्रतिशत से बढ़कर 1.04 प्रतिशत तक पहुंच गया।
फसल बीमा योजना से 21,000 करोड़ रूपये का प्रीमियम रहा
पिछले वित्त वर्ष में गैर-जीवन बीमा क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के एक प्रतिशत के जादुई आंकड़े को पार कर जाने के बाद इस क्षेत्र की कंपनियों को अगले पांच साल में दोगुना वृद्धि होने की उम्मीद है। कई सालों से जी.डी.पी. के 0.7 से 0.8 प्रतिशत के स्तर पर रहने के बाद गैर-जीवन बीमा क्षेत्र उद्योग की पहुंच का स्तर मार्च 2016 में बढ़कर 1.04 प्रतिशत तक पहुंच गया। इस उद्योग क्षेत्र के संगठन साधारण बीमा परिषद द्वारा संग्रहीत आंकड़ों के अनुसार इस उद्योग क्षेत्र का आकार 1,270 अरब रुपए हो गया।
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