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क्रिसिल की रिपोर्ट में प्याज उत्पादन 13 प्रतिशत घटने का अनुमान, आने वाले दिनों में आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर

एक रिपोर्ट के अनुसार फसल के रकबे में गिरावट और पैदावार में सुधार योजनाओं की कमी और जलवायु परिवर्तन के कारण इस वर्ष प्याज का उत्पादन 13 प्रतिशत घट सकता है.

मनीष कुमार
देश में  प्याज का सितंबर माह तक रबी स्टॉक लगभग पूरी तरह से खत्म हो जाता है. इसके बाद ताजा खरीफ की प्याज की आवक बाजार में पहुंचती है.  (फोटो-सोशल मीडिया )
देश में प्याज का सितंबर माह तक रबी स्टॉक लगभग पूरी तरह से खत्म हो जाता है. इसके बाद ताजा खरीफ की प्याज की आवक बाजार में पहुंचती है. (फोटो-सोशल मीडिया )

खरीफ सीजन 2022-23 में प्याज का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत घटकर 95 लाख टन रहने का अनुमान है. संस्था क्रिसिल ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि 2021-22 के खरीफ सीजन में प्याज का कुल उत्पादन 1.08 करोड़ टन था. कम उत्पादन से आने वाले दिनों में प्याज की कीमतें बढ़ेंगी. इससे सीधे तौर पर आम आदमी प्रभावित होगा. 2021-22 में 2.0 करोड़ टन प्याज का बंपर उत्पादन हुआ, जो पिछले सालों की तुलना में काफी ज्यादा था.

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में हर महीने लगभग 13 लाख टन प्याज की खपत होती है. साग-सब्जियां बिना प्याज के स्वादहीन लगती हैं. देश में प्याज आपूर्ति का बड़ा हिस्सा चार राज्यों महाराष्ट्र से 13.3 लाख टन, मध्य प्रदेश से 4.7 लाख टन, कर्नाटक से 2.7 लाख टन और गुजरात से 2.5 लाख टन आती है. यह हिस्सेदारी अन्य राज्यों के मुकाबले 2021-22 के कुल उत्पादन की 75 प्रतिशत है.

रिपोर्ट के अनुसार, बड़े उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इस वर्ष जून में कम और जुलाई, अगस्त में अधिक बारिश के कारण फसल की बुवाई प्रभावित हुई. महाराष्ट्र में प्याज की नर्सरी जुलाई में क्षतिग्रस्त हो गई थी, कर्नाटक के किसान बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में जून के महीने में प्याज की बुवाई नहीं कर पाए. इससे खरीफ सीजन प्याज की पैदावार का रकबा घटा है.

आंध्र प्रदेश में भी अधिक बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया, इससे प्याज की रोपाई मुश्किल हो हुई. क्रिसिल ने अनुमान लगाया है कि इस सीजन में प्याज उत्पादन में घटोतरी दर्ज की जाएगी और इसका असर सीधे उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा. राज्य में 2022-23 के सीजन में प्याज का रकबा 5.8 हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो कि 2021-22 के मुकाबले 13 प्रतिशत कम है. बीते वर्ष राज्य के कुल 6.7 लाख हेक्टेयर में प्याज की फसल की गई थी.क्रिसिल के अनुसार रकबे में गिरावट और फसल की पैदावार में कमी को देखते हुए, 2022-23 खरीफ सीजन के लिए कुल प्याज उत्पादन 13 फीसदी कम रहेगा. देश में सितंबर तक रबी स्टॉक की पूर तरह से खपत हो जाती है. इसके बाद ताजा खरीफ सीजन के प्याज की आवक बाजार में होती है.

ये भी पढ़ें-Paddy Procurement 2022: सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद 12 प्रतिशत बढ़ी, अब तक किसानों ने की 170.53 लाख टन की बिक्री

क्या है क्रिसिल ?

क्रिसिल एक विश्लेषण करने वाली कंपनी है. इसे भारत लिमिटेड की क्रेडिट रेटिंग सूचना सेवा कहते हैं. यह रेटिंग, रिसर्च, बिजनेस रिस्क और पॉलिसी एडवाइजरी सर्विस देती है. क्रिसिल का मुख्यालय मुंबई में स्थित है. क्रिसिल का लक्ष्य बाजारों को बेहतर बनाने के लिए स्वतंत्र राय, बेहतर दृष्टिकोण और प्रभावी समाधान प्रदान करना है.

English Summary: CRISIL report says onion production can be decreased by 13 percent people will face price hike Published on: 03 November 2022, 06:45 PM IST

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