1. Home
  2. ख़बरें

क्या कांग्रेस शासित राज्य कृषि कानून को खारिज कर पाएंगे?

कृषि कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में उबाल है. खासकर पंजाब और हरियाणा में कृषि कानून का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर रोज इन दो राज्यों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब और हरियाणा में ट्रैक्टर रैली निकाल सकते हैं. वह खुद ट्रैक्टर चलाएंगे. राहुल के ट्रैक्टर रैली निकालने को लेकर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का कहना है कि वह राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली को प्रदेश में घुसने की इजाजत नहीं देंगे.

अभिषेक सिंह
Rahul

कृषि कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में उबाल है. खासकर पंजाब और हरियाणा में कृषि कानून का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर रोज इन दो राज्यों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब और हरियाणा में ट्रैक्टर रैली निकाल सकते हैं. वह खुद ट्रैक्टर चलाएंगे. राहुल के ट्रैक्टर रैली निकालने को लेकर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का कहना है कि वह राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली को प्रदेश में घुसने की इजाजत नहीं देंगे.

कांग्रेस कृषि कानून को लेकर सरकार पर लगातार बोल रही है. इससे साफ है कि कांग्रेस किसान के आसरे सरकार को छोड़ने के मूड में नहीं है. इससे पहले ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्रियों से इस कानून को निष्प्रभावी बनाने के लिए कह चुकी हैं. उन्होंने कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 254 (2) के तहत स्थानीय स्तर पर कानून बनाएं, जिससे कृषि कानून को निष्प्रभावी बनाया जा सके.

really

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कृषि कानून को निष्प्रभावी बनाने के लिए अरुण जेटली का उदाहरण दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तब अरुण जेटली ने राज्यों से संविधान के अनुच्छेद 254 (2) का इस्तेमाल करके भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के प्रावधानों को निष्प्रभावी बनाने के लिए कहा था. राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने इसका पूर्ण समर्थन भी किया था. अब राज्य उसी सलाह का पालन करके कृषि कानून से हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं.

क्या अनुच्छेद 254 (2) के तहत कृषि कानून को निस्प्रभावी बनाया जा सकता है?

भारतीय संविधान ने केंद्र और राज्य सरकारों को कानून बनाने का अधिकार दिया है. चाहे तो राज्य और केंद्र सरकार मिलकर कानून बना सकती हैं. अब सवाल यह उठता है कि क्या कृषि कानून को राज्य सरकारें निष्प्रभावरी बना सकती हैं? तो इसका जवाब है हां. राज्य सरकार कानून बनाकर कृषि कानून को निष्प्रभावी बना सकती है. बता दें कि विपक्ष कृषि कानून को किसान के खिलाफ बता रहा है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने जबरदस्ती कृषि विधेयक को राज्यसभा में पास करा दिया. तृणमूल सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि विपक्ष एक बार कृषि विधेयक पर वोट करना चाहता था, लेकिन सरकार ने वह भी हक छीन लिया. वहीं, इसको लेकर सत्ता पक्ष विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगा रहा है. 

English Summary: Congress leader Rahul Gandhi to protest over Farm Law in Punjab and Haryana to Tractor Rally Published on: 04 October 2020, 05:05 PM IST

Like this article?

Hey! I am अभिषेक सिंह. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News