
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहकारी बैंकों की 61वीं वार्षिक बैठक में बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समितियों की क्रेडिट लिमिट 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख करने की घोषणा की. इस फैसले से किसानों को अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी और वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर ढंग से संचालित कर सकेंगे. इसके साथ ही बलरामपुर जिले में सहकारी बैंकिंग शुरू करने की भी घोषणा की गई.
युवा उद्यमियों को जोड़ने पर जोर
मुख्यमंत्री ने सहकारी बैंकों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक युवा उद्यमियों को अपने साथ जोड़ें. उन्होंने बताया कि ‘सीएम युवा उद्यमी योजना’ के तहत अब तक 32 हजार से अधिक युवाओं को जोड़ा जा चुका है. उन्होंने सहकारी बैंकों से इस योजना से लाभार्थियों को जोड़ने का आग्रह किया, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें.
सहकारी बैंकों की आर्थिक प्रगति
सीएम योगी ने सहकारी बैंकों की प्रगति पर संतोष जताते हुए कहा कि 2017 में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंकों का सीडी रेश्यो 44% था, जो अब बढ़कर 61% हो गया है. इसके अलावा, इन बैंकों का नेट प्रॉफिट 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. उन्होंने इसे सरकार की पारदर्शी नीतियों और बेहतर प्रबंधन का परिणाम बताया.
पूर्ववर्ती सरकारों में सहकारिता का दुरुपयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में सहकारिता को व्यक्तिगत स्वार्थ का अड्डा बना दिया गया था, जिससे किसान परेशान थे. इसके चलते 16 सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को नया जीवन मिला और इसके लिए एक अलग मंत्रालय की स्थापना की गई. आज, प्रदेश के 50 में से 49 सहकारी बैंक मुनाफे में हैं.
फर्टिलाइजर की ब्लैक मार्केटिंग पर रोक
सरकार ने बी-पैक्स (B PACS) और सहकारिता के माध्यम से किसानों को आवश्यक उर्वरक उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. इससे फर्टिलाइजर की ब्लैक मार्केटिंग पर सख्ती से रोक लगेगी और किसानों को उचित दामों पर उर्वरक मिल सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों के विस्तार और सुदृढ़ीकरण से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी.
नई टेक्नोलॉजी अपनाने पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहकारी बैंकों को नई तकनीक अपनाने की सलाह दी, जिससे पारदर्शिता बढ़े और कार्यों की गुणवत्ता में सुधार हो. उन्होंने कहा कि जितनी अधिक पारदर्शिता होगी, उतना ही बेहतर प्रदर्शन होगा.
सम्मान और पुरस्कार वितरण
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने युवा उद्यमी विकास योजना के लाभार्थियों को चेक वितरित किए और जिला सहकारी बैंकों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संचालकों को सम्मानित किया. इसके अलावा, सहकारी बैंकों को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से बैंक फ्रॉड से बचाव पर आधारित एक पत्रिका का विमोचन भी किया. उत्तर प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से किसानों, उद्यमियों और एमएसएमई क्षेत्र को आर्थिक मजबूती मिलेगी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी.
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