किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली एक गंभीर समस्या है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर जल्द निजात मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से एक अहम पहल की गई है. यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर नजीर बन सकती है. बता दें कि यूपी के 2 जिलों में प्रशासन ने किसानों से लगभग 5,000 क्विंटल पराली ली है. अगर किसान जिला प्रशासन को 2 ट्राली पराली दे रहे हैं, तो वह बदले में उन्हें 1 ट्राली गोबर की खाद निशुल्क दे रहे हैं. इस पहल को बेहद खास माना जा रहा है, जिससे पराली की समस्या खत्म हो सकती है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया ट्वीट
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा था कि ‘प्रिय किसान भाइयों, आपका प्रकृति एवं पर्यावरण से अभिन्न संबंध है. पराली का जलना पर्यावरण और हम सबके लिए बहुत हानिकारक है. आप अन्नदाता हैं, आपका कार्य जीवन को सम्बल देना है. आइए, पराली न जलाने व पर्यावरण के अनुकूल माध्यमों से उसके उत्पादक उपयोग का प्रण लें.’
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था, कि ‘पराली जलाने से संबंधित कार्यवाही में किसान भाइयों के साथ कोई दुर्व्यवहार/उत्पीड़न स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस ट्वीट के बाद पराली न जलाने का असर दिखना शुरू हो गया है. बता दें कि यूपी के कानपुर देहात में किसानों से 3,000 क्विंटल और उन्नाव में 1675 क्विंटल से अधिक पराली ली गई है. इसके लिए किसानों को ग्रामीण स्तर पर जागरूक भी किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि कानपुर देहात में लगभग 125 गोशाला हैं और पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद भी उपलब्ध है. किसानों द्वारा 2 ट्राली पराली देने पर 1 ट्राली गोबर की खाद निशुल्क दी जा रही है.
50 से 80 प्रतिशत अनुदान भी दे रही सरकार
जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है. ऐसे में मुख्यमंत्री किसानों को लेकर बहुत संवेदनशील हैं, इसलिए किसानों को ऐसे कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है, जिससे पराली को आसानी से निस्तारित किया जा सकता है. इन पर सरकार की तरफ से 50 से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है.
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