देश में धान की फसल को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इसकी खेती देश के लगभग सभी राज्यों में होती है जिसमें छत्तीसगढ़ भी शमिल है. इसको धान उत्पादन में अग्रिम राज्य माना जाता है. यहां किसान एक आबादी में धान की खेती करते हैं. इस वजह से छत्तीसगढ़ सरकार ने धान की खरीदी 2500 रुपए प्रति क्विंटल से की थी. इसके अलावा किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बोनस देने का वादा किया था. साल 2019-20 में धान का कुल उत्पादन लगभग 117 मिलियन टन हुआ है.
बता दें कि सरकार ने किसानों को बोनस के तौर पर ए ग्रेड धान के लिए 685 रुपए और सामान्य धान के लिए 665 रुपए देने की घोषणा की गई थी.
किसानों को कब मिलेगा धान का बोनस
छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि मंत्री की मानें, तो समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को 15 मई से बोनस राशि दी जाएगी. यह राशि किसानों के बैंक खाता में भेजी जाएगी. राशि देने के लिए 5,300 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना क्या है?
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना की शुरुआत इसी वित्त वर्ष के बजट से शुरू की है. सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के किसान धान की खेती की ओर प्रोत्साहित हो पाएं. योजना के तहत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य और राज्य की ओर से धान की खरीदी के लिए तय किए गए मूल्य के अंतर को दिया जाएगा.
इस योजना का लाभ उन सभी किसानों को मिलेगा, जिन्होंने धान बेचने के लिए पंजीकृत करा रखा है, साथ ही जिन्होंने समर्थन मूल्य पर धान की उपज बेच दी है.
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