आपने हमेशा से ही गुजरात के गिर के शेरों की चर्चा तो खूब सुनी होगी लेकिन आज हम आपको वहीं की गाय के बारे में बता रहे है जो कि काफी कम लोगों के पास में है. गिर की गायें की खासियत यह है कि यहा कि गाय आम गायों के मुकाबले दुगना दूध देती है. गिर की गाय एक बार बच्चे को जन्म देने के बाद अधिकतम 5 हजार लीटर दूध दे सकती है. जबकि सामान्य गाय अधिकतम 2 हजार लीटर दूध ही दे सकती है. इसलिए केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि वह इस नस्ल को तेजी से बढ़ावा देने के लिए ब्राजील से गिर नस्ल के सांडो का वीर्य मंगवा रही है. खबरों के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार ब्राजील से देसी सांडों के 1 लाख सीमन का डोज मंगवा रही है.
कौन है गिर की गाय
गिर जेबू प्रजाति की प्रमुख गाय है. यह गिर नस्ल गुजरात के सौराष्ट्र और गिर के जंगलों में पाई जाती है. हाल ही के कुछ सालों में देश के अंदर देसी गायों की नस्लों में कमी देखने को मिली है. इस पर पशु विज्ञानियों समेत केंद्र सरकार ने भी चिंता व्यक्त की थी. अब केंद्र की मोदी सरकार ने इस समस्या के निराकरण करने के लिए ब्राजील का सहारा लेने वाली है. इस पर केंद्रीय पशुपलान राज्य मंत्री संजीव बलायन ने कहा है कि अगले डेढ़ महीने के अंदर यह गिर सांडो के वीर्य को जल्द मंगवाया जाएगा ताकि देसी गायों के नस्ल को तेजी से संरक्षण दिया जा सकें.
ब्राजील को तोहफे में दी थी गायें
बता दें कि 18वीं शताब्दी में भावनगर के महाराजा ने गिर की नस्ल गाय को ब्राजील को तोहफे में दे दी थी. ब्राजील ने भारत के देसी नस्ल की इन सारी गायों को संरक्षित कर दिया था. यह प्रजाति काफी तेजी से वहां पर बढ़ी है. बाद में यह गिर की गायें अमेरिका में भी काफी लोकप्रिय हो गई. इन गायों ने अपने आप को वहां के वातावरण के अनुसार ढाल लिया है. बाद में यह सबसे ज्यादा दूध देने लगी. जबकि भारत में देसी गायों की संख्या में लगातार कमी आई है. यहां के किसानों ने पिछले कुछ सालों में जर्सी गायों को तरहीज दी जो कि स्थानीय गायों के मुकाबले ज्यादा दूध देती है.
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