भारतीय रेलवे खराब प्रदर्शन वाले अपने कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला लेने जा रहा है. रेलवे बोर्ड की ओर से जोनल रेलवे कार्यालयों को उन कर्मचारियों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है, जिनकी उम्र 55 साल हो गई है या फिर जिनकी 2020 में रेलवे में नौकरी करते हुए 30 साल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस श्रेणी में सेवा में बने रहने के लिए अयोग्य पाए जाने वालों को समय से पहले सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी.
दरअसल रेलवे बोर्ड ने जोनल कार्यालयों को पत्र भेज कर कहा है कि वह संलग्न प्रारूप में ऐसे कर्मचारियों का पूरा ब्योरा उपलब्ध करवाएं. जो वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जिनकी उम्र 55 वर्ष हो रही हों या जिनको काम करते 30 वर्ष पूरे हो रहे हो. इसकी पहली तिमाही जनवरी से लेकर मार्च 2020 तक होगी. जिसके बाद 27 जुलाई के पत्र में इस काम को पूरा करने के लिए जोनल कार्यालयों को 9 अगस्त तक का समय दिया है.
मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार इसमें ऐसे कर्मचारियों को रखा जायेगा. जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है या फिर जिन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक( Undiscipline) कार्रवाई चल रही है. इसलिए इन कर्मचारियों को समय पूर्व सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव दिया जाएगा. सरकारी विभागों में 1.19 लाख से अधिक ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के अधिकारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन 2014 और 2019 के बीच समयपूर्व सेवानिवृत्ति खंड के संबंध में किया गया था. अब तक 13 लाख रेलवे कर्मचारी हैं और मंत्रालय अगले साल तक इसे 10 लाख तक लाना चाहता है। और यही कारण है कि जोनल रेलवे कार्यालयों को हर एक कर्मचारी की उपस्थिति, समय की पाबंदी, मानसिक और शारीरिक फिटनेस से संबंधित फाइलों और रिकॉर्ड पहुंचने के लिए कहा गया है.
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