दिवाली (Diwali 2022) आने में अब बस कुछ समय बचा है लोगों ने तो तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. घर की सजावट के लिए बाजारों में सामान आना भी शुरू हो गया है. दीपक, मोमबत्तियों वालों ने तो जोरों- शोरों से इनको बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में अब बचती है दिवाली की सबसे अहम चीज जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सबकी पसंदीदा है जिसका इंतजार उन्हें बेसब्री से रहता है. वो है बम-पटाखे. जिसे लोग खूब पैसे बर्बाद करके खरीदते हैं और अपने लिए प्रदूषण, बीमारियां आदि को दावत भी देते हैं.
इसी वजह से सरकार हर बार इन पर रोक लगाती है कभी समय कम करके तो कभी इनकी खरीद फरोक्त बंद करवा कर, लेकिन लोग तब भी कौनसा बाज आते हैं. तो ऐसे में इस बार सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ग्रीन पटाखों की इजाजत दी है.
किस प्रदेश में ग्रीन पटाखों की इजाजत (In which state green crackers are allowed)
अतिरिक्त कलेक्टर बृजमोहन बैरवा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के कोटा में दिवाली पर सिर्फ ग्रीन आतिशबाजी की इजाजत दी है.
क्या है खासियत ग्रीन पटाखों की (What is the specialty of green firecrackers)
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ग्रीन पटाखे होंगे नॉइज़ फ्री (Noise Free)
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ग्रीन पटाखों में वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले हानिकारक रसायन मौजूद नहीं होते हैं.
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ग्रीन पटाखे राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) (National Environmental Engineering Research Institute) की खोज हैं.
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सामान्य पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखे 40 से 50 फीसदी तक कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं.
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ग्रीन पटाखों को बेचने के लिए लाइसेंस आवेदन (License application for selling green firecrackers)
ग्रीन पटाखे के क्रय विक्रय (Green Crackers Buy sell) की अनुमति मिल गयी है. कोटा जिले में 24 से 26 अक्टूबर तक सिर्फ ग्रीन पटाखों के क्रय-विक्रय की अनुमति होगी. जो भी ग्रीन पटाखों को बेचने के लिए लाइसेंस लेना चाहते हैं वे 19 से लेकर 30 सितंबर तक लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. ग्रीन पटाखों के अस्थाई लाइसेंस (Temporary license of green crackers) के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित उपखंड अधिकारी (Subdivision Officer) को अधिकृत किया गया है.
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