
बिहार सरकार ने गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है. अब किसानों को पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना मूल्य के अतिरिक्त 10 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान मिलेगा. यह सुविधा अगले वित्तीय वर्ष में भी लागू रहेगी. साथ ही, कृषि यंत्रों, प्रमाणित गन्ना बीज, और अन्य तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान भी मिलेगा.
सरकार का कहना है कि गन्ना किसानों की आर्थिक उन्नति उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके साथ ही राज्य सरकार बंद पड़ी चीनी मिलों को दोबारा शुरू करने की दिशा में भी काम कर रही है. इससे राज्य में गन्ना उद्योग को एक नई रफ्तार मिलेगी और किसानों को स्थायी लाभ होगा. ऐसे में आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं-
सरकार की प्राथमिकता में गन्ना किसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गन्ना मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. राज्य में चीनी मिलों की स्थिति को सुधारने और गन्ना उत्पादकों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की कोशिश है कि हर किसान को उसकी फसल का सही मूल्य और समय पर भुगतान मिले.
10 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त भुगतान
पेराई सत्र 2024-25 में गन्ना की निर्धारित कीमत के अलावा किसानों को 10 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा. यह सुविधा अगले वित्तीय वर्ष में भी दी जाएगी, ताकि किसानों को गन्ना उत्पादन के लिए और प्रोत्साहन मिल सके. इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और राज्य में गन्ना उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.
50% तक अनुदान की सुविधा
गन्ना आयुक्त अनिल झा ने किसानों को जानकारी दी कि सरकार की कई योजनाओं में किसानों को 50% तक का अनुदान दिया जा रहा है. इसमें प्रमाणित गन्ना बीज पर अनुदान, बड-चिप और सिंगल बड तकनीक के लिए सहायता, मसूर, सरसों और धनिया जैसी अंतर्वर्ती खेती पर प्रोत्साहन और गुड़ उत्पादन इकाइयों को पूंजी लागत पर 50% तक अनुदान योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं का मकसद किसानों की उत्पादन लागत को कम करना और उनकी आय में वृद्धि करना है.
‘ईख मित्र’ एप से सीधे संपर्क का आग्रह
गन्ना विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे ‘ईख मित्र’ एप से जुड़ें, जिससे वे अपनी समस्याएं सीधे विभाग को बता सकें. यह एप किसानों और विभाग के बीच सीधा संवाद स्थापित करता है. इस एप के जरिए किसान अपने खेत, फसल और भुगतान से जुड़ी जानकारी भी अपडेट कर सकते हैं.
गन्ना उत्पादन बढ़ाने की सलाह
गन्ना आयुक्त अनिल झा ने किसानों को सलाह दी कि वे गन्ना की रोपाई के लिए 4 फीट की कतारबद्ध विधि अपनाएं. इस तकनीक से गन्ने की उपज बढ़ेगी और खेत की देखभाल भी आसान होगी. साथ ही, बड-चिप तकनीक और अंतर्वर्ती फसलों को अपनाकर किसान एक ही जमीन से कई गुना लाभ कमा सकते हैं.
बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से शुरू करने की योजना
गन्ना उद्योग मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य की जो पुरानी और बंद चीनी मिलें हैं, उन्हें फिर से चालू करने के प्रयास चल रहे हैं. इससे स्थानीय रोजगार बढ़ेगा और किसानों को फसल बेचने के लिए स्थानीय बाजार मिलेगा. सरकार इस दिशा में निवेशकों को आकर्षित करने और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर मिलों को शुरू करने की योजना बना रही है.
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