
अगस्त 2025 की बाढ़ और अत्यधिक बारिश से बिहार में जिन किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, उनके लिए अब राहत की खबर है. राज्य सरकार ने ‘कृषि इनपुट अनुदान योजना 2025’ के तहत 14 जिलों में प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की घोषणा की है. यह योजना उन किसानों के लिए है जिनकी फसल का नुकसान 33% या उससे अधिक हुआ है. योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि मुआवजा सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजा जाएगा और उन्हें किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
इस प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाया गया है. आवेदन की अंतिम तारीख 5 सितंबर 2025 है, और इच्छुक किसान DBT पोर्टल या कृषि विभाग की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
किस योजना के तहत मिलेगा मुआवजा?
राज्य सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान योजना 2025 के तहत फसल क्षति झेल रहे किसानों के लिए आर्थिक सहायता की व्यवस्था की है. जिन किसानों की फसलें बाढ़ या बारिश के कारण 33% या उससे अधिक नष्ट हो गई हैं, उन्हें इस योजना के अंतर्गत मुआवजा दिया जाएगा.
कितनी राशि मिलेगी?
सरकार द्वारा तय मुआवजा राशि इस प्रकार है:
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असिंचित (बारानी) क्षेत्र: ₹8,500 प्रति हेक्टेयर
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सिंचित क्षेत्र: ₹17,000 प्रति हेक्टेयर
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शाश्वत/बहुवर्षीय फसलें (जैसे गन्ना): ₹22,500 प्रति हेक्टेयर
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इसके अतिरिक्त, असिंचित खेत का न्यूनतम अनुदान ₹1,000, सिंचित खेत का ₹2,000 और बहुवर्षीय फसलों का ₹2,500 निर्धारित किया गया है.
किन जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ?
यह योजना वर्तमान में उन 14 जिलों में लागू है जहां बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी. ये जिले हैं:- नालंदा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, बेगूसराय, लखीसराय, पटना, भोजपुर, वैशाली, मुंगेर, सारण, समस्तीपुर, मधेपुरा और शेखपुरा आदि.
इन जिलों के कुल 64 प्रखंडों की 577 पंचायतों के किसान आवेदन कर सकते हैं.
अंतिम तिथि और आवेदन प्रक्रिया
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आवेदन करने की अंतिम तिथि: 5 सितंबर 2025 है.
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आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार किए जाएंगे.
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किसान निम्न वेबसाइट्स पर जाकर आवेदन कर सकते हैं: https://state.bihar.gov.in/krishi/CitizenHome.html और https://dbtagriculture.bihar.gov.in
आवश्यक दस्तावेज़:
रैयत किसान:
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अपडेटेड एलपीसी (LPC)
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लगान रसीद (वर्ष 2022–23, 2023–24, 2024–25)
गैर-रैयत किसान:
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स्वघोषित प्रमाण पत्र (वार्ड सदस्य और कृषि समन्वयक से सत्यापित)
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यह फॉर्म DBT पोर्टल पर उपलब्ध है
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
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सभी पंजीकृत रैयत और गैर-रैयत किसान
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"किसान परिवार" में पति, पत्नी और अवयस्क बच्चे शामिल होंगे
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आवेदन के समय आधार सत्यापन अनिवार्य है
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यदि दस्तावेज़ या जानकारी में गड़बड़ी पाई जाती है, तो आवेदन अस्वीकृत कर दिया जाएगा
कहां करें संपर्क?
यदि किसी किसान को आवेदन में समस्या आती है तो वो नीचे दिए गए माध्यमों से सहायता प्राप्त कर सकता है:
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टोल फ्री नंबर: 1800 180 1551
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स्थानीय कृषि पदाधिकारी या प्रखंड कृषि कार्यालय से भी संपर्क किया जा सकता है
किसानों को सलाह दी जाती है कि आवेदन करते समय सभी जानकारियाँ ध्यानपूर्वक भरें और दस्तावेज़ स्पष्ट अपलोड करें.
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