बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. राज्य सरकार जल्द ही आवश्यक वस्तु अधिनियम में (Amendment in Essential Commodities Act) संशोधन करने जा रही है. इस संशोधन से किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम मिल पाएंगे, जिससे किसानों को बहुत अच्छा मुनाफ़ा मिल पाएगा. खास बात है कि इस संशोधन से किसान अपने राज्य के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी फसल बिक्री कर पाएंगे.
आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन
कृषि मंत्री प्रेम कुमार की मानें, तो खाद्यान्न, खाद्य तेल, तेलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे कृषि उत्पादों को डिरेगुलेट करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है. इस संशोधन से इन उत्पादों के लिए कोई स्टॉक लिमिट नहीं रहेगी. इन्हें सिर्फ असाधारण परिस्थितियों में ही रेगुलेट किया जाएगा.
कृषि विभाग बना रहा है योजना
बिहार का कृषि विभाग (Agriculture Department) एक योजना बना रहा है, जिससे किसानों की काफी मदद हो पाएगी. दरअसल, इस योजना के तहत फसलों के बुवाई के समय उचित दाम का आकलन किया जाएगा. बता दें कि किसानों के पास फसलों के बुवाई के समय उचित दाम का आकलन करने की कोई व्यवस्था नहीं है. मगर इसके लिए राज्य सरकार कानूनी ढांचा तैयार कर रही है इसकी मदद से किसानों का उत्पीड़न को रोका जाएगा. कृषि मंत्री प्रेम कुमार (Agriculture Minister Prem Kumar) की मानें, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन की घोषणा की है. केंद्र और राज्य सरकार का उद्देश्य किसानों को फसल का बेहतर दाम दिलाना है.
किसानों को होगा लाभ
इस संशोधन से किसान राज्य के बाहर भी फसल और उसके उत्पाद बेच पाएंगे. इसके अन्तर्राज्यीय परिवहन में भी कोई शुल्क नहीं लगेगा. बता दें कि राज्य में साल 2006 में कृषि उपज विपणन अधिनियम को समाप्त कर दिया गया था.
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