किसानों के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया सबसे लाभकारी स्कीम में करोड़ों रुपये के घोटाले की खबर सामने आई है. यह घोटाला किसानों को हर साल 6000 रुपये देने वाली किसान सम्मान निधि स्कीम में सामने आई है. स्कीम में हुए घोटाले को लेकर तमिलनाडु में 16 लोगों को अरेस्ट किया गया है. इस पूरे मामले की जांच सीबीसीआईडी के द्वारा की जा रही है. अब तक की कार्यवाई में सीबीसीआईडी ने राज्य के कुड्डालोर, तिरुवन्नामलाई, विल्लुपुरम, सलेम, कल्लाकुरिची इन सभी जिलों से लगभग 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस पूरे मामले में यह जानकारी मिली है कि लगभग राज्य के 40 हजार अपात्र लोग 6000 रुपये सालाना का लाभ उठा रहे थे.
इस फ्रॉड की जानकारी तब सामने आयी जब एक साल पहले कुड्डालोर कलेक्टर चंद्रशेखर सखामुराई ने पिलाईयारमेडू गांव में लाभार्थियों की सूची में गैर-किसानों का भी नाम पाया. गैर- किसानों के नाम सामने आने के बाद ही इस मामले की जांच के आदेश दे दिया गया. कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर ने गड़बड़ी की बात सरकार के सामने रखी जिसके बाद इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई.
वहीं राज्य के एक नेता की बात मानें तो किसान इस योजना का लाभ गलत दस्तावेजों और फर्जी पतों के आधार पर उठा रहे थे. वहीं एक बड़े न्यूज पोर्टल को अधिकारी ने इस बात की पुष्टी किया कि योजना की लगभग 10 करोड़ की राशि इन फर्जी लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर किया गया है. वहीं इन लोगों ने कंप्यूटर सेंटर की मदद से यह फर्जीवाड़ा किया और प्रधानमंत्री किसान स्कीम में अप्लाई करने में मदद की. इस फर्जीवाड़े की अगर बात करें तो लगभग 14,000 अपात्र लाभार्थी केवल सलेम जिले के हैं. इस फर्जीवाड़े में 51 और लोगों को चिन्हित किया गया है और साथ ही कुछ अधिकारियों पर कार्यवाई भी की गयी है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, के.पलनिसामी ने पत्रकारों से कहा है कि इस मामले में जांच चल रही है. मुख्य विपक्षी पार्टी द्रमुक के नेता एमके स्टालिन ने कहा मुख्यमंत्री पलनिसामी के गृह जिले में 10,000 से ज्यादा अपात्र लाभार्थियों का मिलना चिंताजनक है. इसके साथ ही भाजपा ने भी इस मामले में सभी अपात्र लाभार्थीयों की सूची निकालने की बात कही है.
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