गन्ने की खेती ऐसी होती है कि कम लागत में ही ये अच्छा मुनाफा दे देती है. यही वजह है कि देश के किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. अकेले उत्तर प्रदेश के 46.5 लाख किसान लगभग 25.7 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती कर अपनी जीविका चलाते हैं. ऐसे में इन किसानों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक खुशखबरी दी है.
गन्ना किसानों के लिए जारी होगा यूजीसी(UGC will be issued for sugarcane farmers)
दरअसल, उत्तर प्रदेश के 46 लाख से ज्यादा गन्ना किसानों के लिए 100 की कार्ययोजना बनाई जा रही है. ऐसा इसलिए ताकि इससे गन्ना किसानों को सीधे फायदा पहुंचे और गन्ने का उत्पादन और ज्यादा से ज्यादा हो सके. इसके तहत इन 46 लाख किसानों का डिजिटल सर्वेक्षण कर यूनीक ग्रोअर कोड (यूजीसी) जारी किया जायेगा.
बिचौलियों का सफाया करना लक्ष्य(goal of eliminating middlemen)
ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा है कि वो गन्ने की उत्पादकता क्षमता को और बढ़ा सके और इसकी लागत कम कर सकें. इसके अलावा बिचौलियों का सफाया करना और किसानों को समय से गन्ना आपूर्ति को आसान बनाना भी है. साथ ही इसके तहत 15 हजार किसानों को गन्ने की उन्नत खेती कैसे करें इसके लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा, ताकि किसान भाई इसकी उन्नत खेती कर और ज्यादा मुनाफा कमा सकें.
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सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत लगभग एक लाख हेक्टेयर फसल में तरल नैनो यूरिया का छिड़काव कराना भी उनकी प्राथमिकता है. इससे जहां उत्पादन लागत में कमी आयेगी तो वही दूसरी ओर पर्यावरण भी साफ और स्वच्छ होगा.
गन्ना किसानों के 8000 करोड़ रुपये का भुगतान (Payment of Rs 8000 crore to sugarcane farmers)
बता दें कि राज्य के गन्ना विभाग ने इन बातों का जिक्र अपनी सौ दिन की कार्ययोजना में किया है.
अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी के अनुसार,पहले ही गन्ना किसानों को पिछले बकाए का शत प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है और अब इस सौ दिन की कार्ययोजना में गन्ना किसानों को 8 हजार करोड़ रुपये के भुगतान करने की तैयारी चल रही है.
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