
गौमाता के संरक्षण और गौ-आधारित अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान के महासंकल्प के साथ राष्ट्रव्यापी यात्रा पर निकली 'गौ राष्ट्र यात्रा' की टीम ने 15 अगस्त 2025 को कर्नाटक के राजभवन पहुँचकर एक ऐतिहासिक पड़ाव दर्ज किया. जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWARI) के अध्यक्ष भारत सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में पूरी टीम ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. इस गरिमामयी मुलाकात के दौरान दोनों के बीच गौ संवर्धन और गौ संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन और सारगर्भित चर्चा हुई.
'ब्राउन रिवोल्यूशन' से गौ-संरक्षण का नया मॉडल
राज्यपाल से मुलाकात के दौरान भारत सिंह राजपुरोहित ने अपनी 'गौ राष्ट्र यात्रा' के अनुभवों और उद्देश्यों को विस्तार से साझा किया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अब देश में हरित क्रांति और श्वेत क्रांति के बाद एक नई क्रांति, यानी 'ब्राउन रिवोल्यूशन' (गोबर की क्रांति), की शुरुआत हो रही है. राजपुरोहित ने बताया कि जिस गाय को दूध न देने के कारण बेसहारा छोड़ दिया जाता है, वही गाय अब अपने गोबर और गौमूत्र के माध्यम से किसानों और गौपालकों के लिए आय का एक बड़ा ज़रिया बन सकती है. उन्होंने गोबर से बनने वाले पेंट और विदेशों में इसके निर्यात जैसे सफल प्रयोगों का उल्लेख किया, जो गौमाता को आस्था से अर्थव्यवस्था से जोड़ते हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि 13 राज्यों से होकर गुज़री यह यात्रा अब तक क़रीब 20,000 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है और इसका समापन अब रामेश्वरम में होगा.
राज्यपाल ने राष्ट्रहित की पहल का समर्थन किया
राज्यपाल महोदय थावरचंद गहलोत जी ने श्री भारत सिंह राजपुरोहित और उनकी टीम के इस असाधारण प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि गौ संवर्धन, गौ-आधारित अर्थव्यवस्था और गौ संरक्षण के लिए इस तरह की पहलें आज की सबसे बड़ी आवश्यकता हैं. राज्यपाल महोदय ने कहा, "हमें गर्व है कि गौ राष्ट्र यात्रा जैसे राष्ट्रहित के कार्य को राजभवन का समर्थन प्राप्त हुआ है. यह यात्रा देशभर में गौ संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाने का एक सार्थक प्रयास है." उन्होंने पूरी यात्रा टीम को अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया, जिससे टीम का मनोबल और भी बढ़ा.

राज्यपाल महोदय का यह समर्थन, गौ राष्ट्र यात्रा जैसे अभियानों को न केवल एक नई दिशा देता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि गौ सेवा और गौ संस्कृति का संरक्षण आज एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बन चुका है.
जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWARI) के बारे में:
AWARI एक अग्रणी संस्था है जो जीव-जंतु कल्याण और कृषि शोध के क्षेत्र में कार्य करती है. यह देसी नस्लों के संरक्षण, जैविक खेती के प्रचार और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. 'गौ राष्ट्र यात्रा' इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
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