भारत में शहद के निर्यात ने इस वर्ष एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. पिछले 10 सालों में शहद के निर्यात का आंकड़ा लगातार तेजी से बढ़ रहा है, और इस वर्ष शहद के निर्यात के आंकड़ों ने रिकॉर्ड ही तोड़ दिये हैं. कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, कैलाश चौधरी ने इस बात की खुशी जाहिर करते हुए अपने Twitter अकाउंट के माध्यम से यह जानकरी साझा की है. उन्होंने इस सफलता का पूरा श्रेय मोदी सरकार को देते हुए लिखा कि इस उल्लेखनीय उपलब्धि से भारतीय किसानों का स्वाभिमान बढ़ा है, और भारत की खेती में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण जुड़ गया है.
इस वर्ष हुआ 74,413 मीट्रिक टन का निर्यात
उन्होंने कहा कि इस वर्ष, भारत ने शहद का 74,413 मीट्रिक टन निर्यात किया है, जो पहले कभी नहीं हुआ था. यह रिकॉर्ड तोड़कर, भारतीय शहद का महत्वपूर्ण स्थान विश्व पटल पर और भी मजबूत हुआ है. यह बेहद सराहनीय है कि भारतीय शहद अब विभिन्न विदेशी बाजारों में अपनी अलग पहचान बना चुका. भारत के किसान इसकी गुणवत्ता और प्रकृति के प्रति सावधानी रखते हुए इसे विश्व स्तर पर उत्तम श्रेणी का स्थान दिला चुके हैं.
शहद के निर्यात में भारत बना नंबर वन
आपको बता दें कि शहद भारतीय कृषि और उद्यानिकी में महत्वपूर्ण फसल मानी जाती है और भारत एक प्रमुख शहद उत्पादक देश है. इस सफलता का श्रेय भारतीय किसानों को जाता है, जो शहद की खेती में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके अन्य देशों के सामरिक मानदंडों को पूरा करने में सक्षम हो रहे हैं. उनके सामरिक मेहनत और उन्नत किसानों के समर्पण के बाद, भारत अब विश्वभर में शहद के निर्यात में नंबर वन देशों में से एक बन चुका है.
विदेशों में तेजी से बढ़ी मांग
भारतीय शहद की मांग विदेशी बाजारों में तेजी से बढ़ रही है, जिनमें अरब सागरीय क्षेत्र, उत्तरी अमेरिका, यूरोपीय संघ, मध्य पूर्व, और दक्षिण ईस्ट एशिया शामिल हैं. भारतीय शहद की गुणवत्ता, स्वाद और जीवंत रंग उच्च मानकों के साथ मान्यता प्राप्त कर रहा है, जो इसे विश्वव्यापी बाजार में एक आकर्षक उत्पाद बनाते हैं. इसके आलावा देश में भी शहद के उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है जहां वर्ष 2013-14 में शहद उत्पादन मात्र 76,150 मीट्रिक टन था तथा शहद की कीमत लगभग 1,500 करोड़ रुपये ही थी वही अब 2021-22 में यह आंकड़ा लगभग 1,25,000 मीट्रिक टन तक पंहुचा है तथा इस उत्पाद की कीमत लगभग 3,700 करोड़ रुपये तक आंकी जा रही है. ये आंकड़े बताते हैं कि भारत ने शहद के उत्पादन में वृद्धि देखी है और इसका असर कीमतों पर भी दिखा है.
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10 सालों में टूटा रिकॉर्ड
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के द्वारा ट्विटर अकाउंट पर साझा की गई पोस्ट में उन्होंने उद्घोषित किया कि भारत इस वर्ष शहद के 74,413 मेट्रिक टन का निर्यात कर चुका है, जो एक रिकॉर्ड है. यह उपलब्धि उन्होंने मोदी सरकार की सफलता के रूप में बताई है. जबकि वर्ष 2013-14 में भारत के शहद का निर्यात मात्र 28,378 मेट्रिक टन तक ही रहा था . जोकि इन 10 सालों में बढ़ कर 74,413 मेट्रिक टन तक पहुंच गया है. यह एक अत्यंत अप्रत्याशित वृद्धि है.
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सफलता का श्रेय मोदी सरकार को
राज्य मंत्री ने इस सफलता का श्रेय मोदी सरकार को देते हुए कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों और भारतीय किसानों की मेहनत के कारण ही आज शहद के निर्यात में व्यापक वृद्धि के संकेत मिले हैं, और इससे देश को कृषि उद्योग की मजबूती मिली है. ये आंकड़े शहद के निर्यात में वृद्धि का प्रमाण हैं और मोदी सरकार की सफलता को दर्शाते हैं. इस उपलब्धि ने भारतीय किसानों के स्वाभिमान को बढ़ाया है. साथ ही देश के कृषि उद्योग को भी मजबूत किया है. भारतीय शहद की गुणवत्ता, स्वाद और प्रकृति की पर्याप्त सावधानी को देखते हुए विदेशी बाजारों में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है.
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भारत अब विश्वभर में शहद के निर्यात में अग्रणी देशों में से एक बन चुका है. उन्होंने कहा कि यह उदाहरण दर्शाता है कि मोदी सरकार के प्रयासों से भारतीय शहद के निर्यात में विशेष वृद्धि हुई है और इससे देश की आर्थिक और कृषि स्थिति को सुधारा गया है.
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