1. Home
  2. ख़बरें

BASAI 2025 : चुनौतियों के बीच सतत खेती के लिए भारत की प्रतिबद्धता

नई दिल्ली, 23 सितम्बर 2025: बायोलॉजिकल एग्री सॉल्यूशंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BASAI) ने नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन “सतत खेती के लिए जैविक उपाय – जलवायु से बचाव का रास्ता” आयोजित किया। इस मौके पर नीति बनाने वाले विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और उद्योग जगत से जुड़े लोग एक मंच पर आए और खेती को टिकाऊ व जलवायु के अनुकूल बनाने पर चर्चा की।

KJ Staff
BASAI 2025
BASAI 2025

नई दिल्ली, 23 सितम्बर 2025: बायोलॉजिकल एग्री सॉल्यूशंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BASAI) ने नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सतत खेती के लिए जैविक उपायजलवायु से बचाव का रास्ता आयोजित किया। इस मौके पर नीति बनाने वाले विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और उद्योग जगत से जुड़े लोग एक मंच पर आए और खेती को टिकाऊ व जलवायु के अनुकूल बनाने पर चर्चा की।

अभी कृषि मंत्रालय ने बायो-स्टिमुलेंट्स की गुणवत्ता और नकली उत्पादों को लेकर चिंता जताई है। ऐसे समय में BASAI 2025 ने दिखाया कि किस तरह बायो-स्टिमुलेंट्स, बायोफर्टिलाइज़र और बायोपेस्टीसाइड्स से किसान अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं, मिट्टी को सेहतमंद बना सकते हैं और बदलते मौसम के असर को कम कर सकते हैं।

कार्यक्रम में जैविक खेती पर 6 नई किताबें जारी की गईं और हाइड्रोपोनिक्स व वॉटर सॉल्यूबल फर्टिलाइज़र से जुड़ी नई तकनीकें भी प्रस्तुत की गईं।

इस मौके पर BASAI की अध्यक्ष संदीपा कानिटकर ने कहा –"खेती तभी टिकाऊ होगी जब मिट्टी की सेहत, खाने की सुरक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। किसानों की आय बढ़ाने में एग्री-बायोलॉजिकल उद्योग बड़ी भूमिका निभा सकता है। अगर सरकार से सही नीतिगत सहयोग मिले तो भारत दुनिया में बायोफर्टिलाइज़र, बायो-स्टिमुलेंट्स और बायोपेस्टीसाइड्स का अग्रणी देश बन सकता है।"

BASAI के सीईओ विपिन सैनी ने कहा –"भारत के किसान हमारी खाद्य प्रणाली की रीढ़ हैं। BASAI 2025 का मकसद किसानों को ऐसे वैज्ञानिक और टिकाऊ समाधान देना है, जिससे उन्हें और धरती दोनों को लाभ मिले।"

प्रदर्शनी में कैन बायोसिस, बायोस्टैड्ट, पीजे मारगो, प्रभात ग्लोबल, माइक्रोएल्गा, आईपीएल बायोलॉजिकल्स, कोरोमंडल त्रिशूल, इनेरा पुष्पा जे शाह, पेपटेक समेत कई बड़ी कंपनियों ने भाग लिया। चर्चा में महिला उद्यमिता और किसान-आधारित नवाचारों को भी आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया।

रिपोर्ट्स के अनुसार भारत का बायो-स्टिमुलेंट्स बाजार 2032 तक लगभग तीन गुना होने की संभावना है (यूएसडी 410.78 मिलियन से बढ़कर 1,135.96 मिलियन डॉलर)। वहीं, बायोफर्टिलाइज़र का बाजार 2033 तक 399.67 मिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर लगभग 11.50% रहेगी (स्रोत: Market Research Future)। बायोपेस्टीसाइड्स का बाजार भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। यह सब दिखाता है कि जैविक उपाय अब किसानों की कमाई और खेती को मौसम के असर से बचाने का मजबूत जरिया बन रहे हैं।

BASAI के बारे में: BASAI (बायोलॉजिकल एग्री सॉल्यूशंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया) का गठन 13 जून 2019 को किया गया था। यह संगठन 52 कंपनियों, किसान संगठनों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे अनुसंधान संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। BASAI का मकसद है – जैविक समाधानों के जरिए खेती को अधिक टिकाऊ, जलवायु-सहनशील और उत्पादक बनाना।

English Summary: BASAI 2025: India's commitment to sustainable agriculture amidst challenges Published on: 22 September 2025, 07:14 PM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News