कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो उन्हें नई-नई तकनीकों और आधुनिक खेती के तरीकों से जोड़ने का काम करती है. यह संस्था किसानों को कृषि विकास में सहयोग और आधुनिक खेती के ज्ञान के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण और भ्रमण का अवसर प्रदान करती है.
किसानों का राज्य के बाहर भ्रमण
वर्ष 2024-25 के दौरान, आत्मा योजना के अंतर्गत बलिया जिले के 40 किसानों का एक दल बिहार के विभिन्न कृषि संस्थानों के भ्रमण पर भेजा गया. यह भ्रमण 16 दिसंबर 2024 से 22 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया गया. भ्रमण के दौरान किसान कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली (समस्तीपुर), बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर (भागलपुर), और कृषि विज्ञान केंद्र सबौर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का दौरा करेंगे.
इस भ्रमण का उद्देश्य किसानों को कृषि विविधीकरण, जैविक खेती, श्री अन्न (मोटा अनाज), रबी फसलों की उन्नत बुवाई तकनीक, मत्स्य पालन, पशुपालन, और पराली प्रबंधन के बारे में जानकारी देना है. इन संस्थानों में विशेषज्ञ किसानों को उन्नत खेती की तकनीक सिखाएंगे, जो उनकी उत्पादकता और आय बढ़ाने में मदद करेगी.
हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
किसानों का यह दल बलिया के कृषि भवन से बस के जरिए रवाना हुआ. बलिया के हर विकासखंड से चुने गए किसानों ने इस भ्रमण में हिस्सा लिया. इस अवसर पर कृषि अधिकारियों ने किसानों को शुभकामनाएं दीं और आधुनिक खेती को अपनाने की प्रेरणा दी.
आत्मा योजना के लाभ
- आधुनिक खेती का ज्ञान: आत्मा योजना के तहत किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने की जानकारी दी जाती है.
- आय में वृद्धि: आधुनिक खेती को अपनाकर किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं.
- लंबे समय तक लाभ: इस योजना से किसानों को लंबे समय तक फायदा मिलता है.
- प्रशिक्षण और तकनीकी मदद: योजना के तहत किसानों को समय-समय पर प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता मिलती है.
लेखक: रबीन्द्रनाथ चौबे, ब्यूरो चीफ, कृषि जागरण, बलिया, उत्तरप्रदेश
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