
हिमाचल की सरकार डेयरी फार्मिंग में एक बड़ी क्रांति लाने की तैयारी में है. इसके लिए हिमाचल सरकार एक नई तकनीक की ईजाद करने जा रही है. इस नई तकनीक से गाय का गर्भाधान करने के बाद बछड़ी ही पैदा होगी. ऐसा होने से जहां डेयरी फार्मिंग बिजनेस में इजाफ़ा होगा वहीं सांडों के संख्या में कमी आयेगी. फिलहाल इसका अभी ट्रायल किया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश के पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कवर सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने इस तकनीक को मंजूरी दे दी है, इसके लिए केंद्र सरकार ने केवल एक ही शर्त रखी है. किसी भी जिले में पर्याप्त जमीन मिल जाने पर ही उस जिले में अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और उसी लैब में इंजेक्शन तैयार किया जायेगा सरकार हर जिले में प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए गहनता से विचार कर रही है. अगर इस तकनीकी के ट्रायल के नतीजे अच्छे रहे तो सभी जिलों में ये काम शुरू कर दिया जायेगा. इस तकनीक द्वारा विकसित किये गए इंजेक्शन से गाय को बछड़ी होने की संभावना 90 फीसदी तक रहेगी.
इंजेक्शन बनाने के लिए स्पर्मेटोजोआ सेग्रीगेशन तकनीक से नर पशुओं(सांडो) के सक्रिय शुक्राणुओं को अलग कर लिया जाता है. जिससे पुरूषो के एक्स (X) और वाई (Y) क्रोमोजोम के शुक्राणु अलग हो जाता है. इस तकनीक के कृत्रिम गर्भाधान से इच्छानुसार बछड़ी पैदा करना संभव हो जाता है, लेकिन यह तकनीक महंगी है.
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
Share your comments