धान की कटाई के बाद बारी आती है, उसी मंडी तक पहुंचाने की, ताकि किसानों को फसल का सही दाम मिलकर अच्छा मुनाफ़ा मिल सके. सभी जानते हैं कि किसानों को मुनाफा तभी होता है, जब उनकी फसल सही सलामत मंडी तक पहुँच जाती है और उसका अच्छा दाम मिलता है.
मगर इस समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के किसान एक बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं.
किसानों के साथ हो रही मनमानी
दरअसल, प्रयागराज के करछना में जो हुआ उसे देख सरकार और उसकी बनाई हुई सिस्टम पर से भरोसा किसानों का उठने लगा है. आपको जान कर हैरानी होगी कि क्रय केंद्रों पर किसानों का धान खरीदने में मनमानी की जा रही है. किसी केंद्र पर पटपर होने की बात कहकर किसानों से अतिरिक्त धान लिया जा रहा है, तो कहीं पर काला और गीला धान बताकर वापस किया जा रहा है.
दूर से आए किसानों को हो रही परेशानी
अगर दूर से आए किसानों की बात करें, तो ऑनलाइन टोकन लेकर किसान किराए के ट्रैक्टर व अन्य वाहनों से धान बेचने के लिए क्रय केंद्र पहुंच रहे हैं, तो केंद्र प्रभारी गीला, काला सहित कई कमियां बताकर लौटा रहे हैं.
मजबूरी में किसान क्षेत्रीय व्यापारियों को 1300 से 1500 रुपये कुंतल धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं. वहीं कई किसानों का धान तो खरीद लिया गया है, लेकिन पांच दिन बाद भी भुगतान नहीं हुआ है. समय पर पैसे ना मिलने की वजह से किसान काफी परेशान हैं और प्रशासन के प्रति अपनी नाराजगी दिखाते नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है की उन्हें परेशान करने के लिए ये तमाम चीज़ें की जा रही है.
क्या है करछना का हाल
करछना के हिंदूपुर में पीसीएफ धान क्रय केंद्र में अब तक मात्र 32 किसानों से धान खरीद हुई है. इनमें से दस किसान ऐसे हैं, जिनके खाते में अभी तक पैसा ही नहीं ट्रांसफर किया गया है. जब कि शासन की ओर से 72 घंटे के भीतर किसानों के खाते में पैसा ट्रांसफर करने का दावा किया जाता है. वहीं कई किसान ऐसे भी हैं जिनको धान की तौल कराएं एक सप्ताह बीत गया, लेकिन अभी तक खाते में पैसा नहीं आया है.
अतिरिक्त लिया गया धान
करछना तहसील क्षेत्र के पनवरिया गांव के पास धान खरीद नेफेड की ओर से की जा रही है. सहलोलवा गांव के किसान राजेश कुमार सिंह धान बेचने पहुंच उन्होंने बताया कि पहले तो केंद्र पर धान गीला और काला होने की बात कहकर वापस किया जा रहा था. किसी तरह जब धान खरीद पर तैयार हुए, तो पटपर होने की बात कहकर प्रति कुंतल चार किलो धान किसानों से अतिरिक्त लिया गया है.
छरिबना गांव के किसान ऋषभ पांडे ने बताया कि टोकन सिस्टम से धान की तौल की जा रही है. यहां पर अक्सर नेटवर्क के कारण ईपाप मशीन पर अंगूठा नहीं लग पाता है. जिससे किसानों को धान बेचने में परेशानी होती है.
करछना का पीसीएफ क्रय केंद्र
करछना के हिंदूपुर में पीसीएफ केंद्र में मात्र 32 किसानों का अभी तक धान खरीदी की गई है.
वहीं, 32 किसानों के खाते में अभी तक पैसा जा चुका है. इसके अलासवा 10 किसान ऐसे भी हैं, जिनके खाते में अभी तक पैसा ही नहीं पहुंचा है.
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