किसान सम्मान निधि योजना के तहत उत्तर प्रदेश के लगभग 80 लाख से अधिक किसानों के आवेदन खतरे में है. बता दें कि, इन सभी किसानों ने किसान पोर्टल (Kisan Portal) के माध्यम से किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन किए थे. लेकिन अब इन सभी किसानों के आवेदन मौजूदा लाभार्थियों के सत्यापन के बाद से आवेदन लंबित कर दिए गए हैं.
किसान भाइयों को इस परेशानी का हल निकालने के लिए केंद्र सरकार ने 31 मई तक का समय निर्धारित किया है. इस दौरान सरकार ने सभी किसानों को धैर्य रखने के लिए कहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक राज्य में 53 प्रतिशत किसानों का ही ईकेवाईसी (E-KYC) किया गया है.
राज्य के 3 लाख 15 हजार लाभार्थी अपात्र
जैसे कि आप जानते हैं पीएम किसान निधि योजना (PM Kisan Nidhi Scheme) के तहत केंद्र सरकार किसानों को सालाना 6 हजार रुपए तक की आर्थिक मदद करती है. जिसका लाभ राज्य के लगभग 2 करोड़ 55 लाख किसानों को मिल रहा है. लेकिन अब कई जगहों पर पीएम किसान निधि योजना से जुड़ी शिकायतें सरकार को आए दिन मिल रही हैं. इसलिए सरकार ने इन सभी शिकायतों को ध्यान में रखते हुए किसानों के सत्यापन के आदेश दिए हैं.
ये भी पढ़े : किसानों को खाद के लिए मिलेंगे 11 हजार रुपए, यहां पढ़ें पूरी खबर
सूत्रों के अनुसार, योजना से जुड़े सभी कामों को मई माह के अंत तक पूरा किया जाना था. लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है. देखा जाए तो अभी तक सिर्फ राज्य के 3 लाख 15 हजार लाभार्थी अपात्र मिले हैं. इन सभी किसानों से योजना की दी गई धनराशि की वसूली का काम चल रहा है. इस वसूली के बीच ही राज्य में 80 लाख से अधिक किसानों ने पीएम किसान पोर्टल (PM Kisan Portal) पर नए आवेदन किए हैं.
इस दिन से मिलना शुरू होगा योजना का लाभ
किसानों के सत्यापन के बाद ही राज्य के लोगों को योजना का लाभ फिर से मिलना शुरू हो जाएगा. सरकार के निर्देशों के मुताबिक, इन सभी किसानों का सत्यापन राज्य के कृषि विभाग व राजस्व विभाग के कर्मचारियों को सौंपा गया है.
इस विषय में मुख्य सचिव दुर्ग शंकर मिश्र ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि राज्य के नए आवेदक किसानों का डेटा में सुधार करते हुए लंबित प्रकरणों का निस्तारण हो. इसके बाद ही प्रदेश के किसानों को योजना का लाभ मिलना शुरू होगा. मुख्य सचिव के आदेश के मुताबिक, सत्यापन के काम को हर हाल में 30 जून 2022 तक पूरा किया जाएगा.
Share your comments