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Apple Production: सेब की फसल पर मंडराए खतरे के बादल, मौसम बिगाड़ सकता है खेल, उत्पादन घटने का अनुमान

Apple Production: इस बार कम बारिश और बर्फबारी के कारण देश में सेब उत्पादन घट सकता है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में बारिश-बर्फबारी होने के आसार हैं, लेकिन ये सेब के चिलिंग पीरियड पूरे करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

बृजेश चौहान
सेब की फसल पर मंडराए खतरे के बादल
सेब की फसल पर मंडराए खतरे के बादल

Apple Production: सेब उत्पादन करने वाले किसानों के लिए एक बुरी खबर है. देश में इस वर्ष औसत से कम बारिश और बर्फबारी के कारण सेब के उत्पादन में गिरावट आने का अनुमान है. ये सेब बागवानों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है. दरअसल, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे सेब उत्पादक राज्यों में इस बार न के बराबर बर्फबारी हुई है. जिसके कारण किसान काफी चिंतित है. जनवरी महीने में एक हफ्ते से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी इन राज्यों में बारिश नहीं हुई है. बारिश नहीं होने के कारण, बर्फबारी का भी कोई नामोनिशान नहीं है. इससे सेब की फसल को जरूरत के मुताबिक, सर्दियों वाला मौसम नहीं मिल रहा है. इस परिस्थिति में विशेषज्ञों का कहना है कि कम बर्फबारी के कारण सेब के आकार पर असर पड़ेगा और उसकी मीठास भी कम हो जाएगी.

उत्पादन घटने का अनुमान

बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कुछ दिनों में बारिश और बर्फबारी नहीं होती है, तो सेब के उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है. उत्पादन में कमी आने के कारण सेब की कीमत भी बढ़ सकती है. कहा जा रहा है कि बारिश न होने के कारण जमीन से नमी गायब हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप सेब के पौधों को नमी समुचित रूप से नहीं मिल पा रही है. विशेषज्ञों के अनुसार सेब के पौधों के विकास के लिए कम से कम 800 से 1000 घंटे के चिलिंग पीरियड की जरूरत होती है. लेकिन, बारिश-बर्फबारी न होने के कारण चिलिंग पीरियड पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में सेब उत्पादन प्रभावित होने के पूरे आसार हैं.

बारिश के लिए देवताओं की पूजा

यदि हिमाचल प्रदेश की बात करें, तो यहां के किसान भी बारिश और बर्फबारी न होने से परेशान हैं. राज्य में बारिश और बर्फबारी की कमी के कारण सेब के 5500 करोड़ रुपये के कारोबार पर खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि, बर्फबारी अभी तक शुरू नहीं हुई है, जिससे चिलिंग पीरियड की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाई है. इससे राज्य के हजारों बागबानों की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में बागवान बारिश और बर्फबारी के लिए देवी-देवताओं की प्रार्थना कर रहे हैं.

IMD ने बताया कब होगी बारिश

हिमाचल के अलावा उत्तराखंड में भी बड़े स्तर पर सेब की खेती की जाती है. यहां करीब 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब के बागान हैं. जिससे हर साल लगभग 67 हजार टन सेब का उत्पादन होता है. बागेश्वर, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, नैनीताल, चंपावत, चमोली और देहरादून जैसे जिलों में किसान सेब उगाते हैं. साथ ही, इन इलाकों में किसानों द्वारा नाशपाती, पुलम और खुमानी की खेती भी की जाती है. यही वजह है की यहां के किसान बारिश और बर्फबारी न होने के कारण काफी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि अगर बारिश और बर्फबारी नहीं हुई तो इससे उनकी फसल बर्बाद हो जाएगी. वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आने वाले कुछ दिनों में बारिश-बर्फबारी होने के आसार हैं.

English Summary: Apple Production expected to decrease due to lack of snowfall apple crop is in danger due to weather conditions Published on: 22 January 2024, 11:13 AM IST

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