Crop Compensation : कृषि जहां करोड़ों लोगों की आमदनी का जरिया है, वहीं किसानों को अपनी उपज प्राप्त करने के लिए बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कभी फसलों में कीट, जंगली जानवरों द्वारा हमला किया जाता है तो कभी फसलों पर मौसम की मार पड़ जाती है. ऐसा ही कुछ खरीफ सीजन में पहले सूखे की वजह से फसल बुवाई में देरी हुई फिर बची कसर बारिश और बाढ़ ने पूरी कर दी. अब तमिलनाडु में रबी सीजन में जनवरी और फरवरी के दौरान बारिश, पाला और ओलावृष्टि ने फसलों को बर्बाद कर दिया. जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों की सहायता के लिए मुआवजा देने का निर्णय लिया है.
मुआवजा 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर
तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा में फसल नुकसान को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने किसानों को 20 हजार प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने का ऐलान किया है. बता दें कि यह मुआवजा केवल उन किसानों को दिया जाएगा जिनकी फसल को बारिश के कारण 33 फीसदी से अधिक का नुकसान हुआ. सरकार के इस फैसले के बाद किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है और किसानों ने सरकार का शुक्रिया भी किया है.
मुआवजा से पहले होगा फसल सर्वे
सरकार के इस फैसले के बाद एक सर्वेक्षण टीम तैयार की जा रही है, जो विभागीय स्तर पर जाकर फसल का सर्वे करेगी. साथ ही जिन किसानों ने फसल का बीमा पहले से ही करवा लिया था, उन्हें अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा. सरकार की कोशिश है कि कोई भी किसान इस मुआवजे का लाभ पाने से वंचित न रह पाए.
कितना हुआ फसल नुकसान
बता दें कि तमिलनाडु में बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण राज्य में 6 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल का नुकसान हुआ है. जो क्षेत्र अधिक प्रभावित हुए हैं उनमें तिरुचिरापल्ली, नागपट्टिनम, तंजावुर, तिरुवरुर, पुदुकोट्टई के डेल्टा जिले माइलादुथुराई और अरियालुर शामिल हैं.
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किसानों की फसलें बारिश के कारण बर्बाद तो हुईं ही साथ में फसलें बह भी गईं. सबसे अधिक कावेरी का डेल्टा इलाका बारिश की चपेट में आया, जो अपने साथ धान और तिलहनी फसलें ले गया. हालांकि सरकार की मुआवजे की घोषणा के बाद किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिली है.
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