राजधानी में दिल्ली (Delhi) में कृषि कानून (Farm Law) के खिलाफ किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का पूरा प्रयास है कि वह केंद्र सरकार पर कृषि कानून (Farm Law)को वापस लेने का दबाव बना सके. इसके लिए बीते दिन किसानों ने भूख हड़ताल भी की. इस दौरान कई राजनीतिक पार्टियां भी किसानों के समर्थन में खड़ा देखा गया. इसके साथ ही अब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare)भी किसानों के समर्थन में उतर गए हैं.
अन्ना हजारे ने लिखा पत्र (Anna Hazare Write a Letter)
अन्ना हजारे (Anna Hazare)ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Agriculture Minister Narendra Tomar)को पत्र लिखा है कि अगर किसानों की मांग को पूरा नहीं किया गया, तो वह अनशन पर बैठ जाएंगे.इसके अलावा अन्ना हजारे (Anna Hazare)ने सीएपीसी को स्वायत्तता देने की मांग की है. बता दें कि बीते साल फरवरी 2019 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में अपने गांव रालेगण सिद्धि में अन्ना हजारे ने अनशन किया था. इसके बाद उन्होंने 5 फरवरी 2019 को अपना अनशन खत्म किया, जब केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह (Union Minister Radha Mohan Singh) ने उन्हें लिखित आश्वासन दिया था. के बाद उन्होंने पांच फरवरी 2019 को अपना अनशन खत्म कर दिया था. इस लिखित आश्वासन में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर हाई पावर कमेटियों संग चर्चा करने की बात कही गई थी.
आपको बता दें कि इस पत्र में अन्ना हजारे ने राधा मोहन सिंह के उस पत्र को भी संलग्न किया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह (Union Minister Radha Mohan Singh) ने आश्वासन दिया था. उन्होंने लिखा था कि इसकी रिपोर्ट उच्चस्तरीय समिति द्वारा तैयार कर 30 अक्टूबर, 2019 तक जमा की जाएगी. इसके बाद समिति की रिपोर्ट के आधार पर मांगों पर कार्रवाई होगी, लेकिन आजतक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में अन्ना हजारे ने कहा है कि मैं सोच रहा हूं कि जो भूख हड़ताल (Hunger Strike)5 फरवरी 2019 को खत्म कर दी गई थी, उसे एक बार फिर से शुरू की जाए.
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