लीक से हटकर फिल्में करने वाले अक्षय कुमार की फैन फॉलोइंग काफी बड़ी है। ऐसे में यदि वे एक और फिल्म लेकर अपने दर्शकों के मन पर अमिट छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं तो आश्चर्य की बात नहीं होगी। आपको बता दें कि अक्षय ने अपनी नई फिल्म का ऐलान कर दिया है। आइए जानते हैं उनकी अगली फिल्म के बारे में...
यदि आप भी अक्षय कुमार उर्फ अक्की के फैन है तो यह खबर आपके लिए खास हो सकती है। जी हां, काफी लंबे समय से उनकी नई फिल्म केसरी के बारे में चर्चा हो रही थी जिसका फस्र्ट लुक आज ही रिलीज हुआ है। आपको बता दें कि अक्की ने खुद इस फिल्म की पहली झलक ट्विटर पर पोस्ट की है।
सारागढ़ी लड़ाई पर बनी फिल्म
अक्की के फैन्स यह जरूर जानना चाहेंगे कि उनकी अगली किस संदर्भ में है? तो हम यहां आपको बता दें कि सन् 1897 में ब्रिटिश इंडियन आर्मी और अफगान-पश्तो मिलिट्री के बीच हुई सारागढ़ी की लड़ाई पर यह फिल्म बनी है जिसे अक्षय कुमार व करण जौहर मिलकर प्रोड्यूस कर रहे हैं। फिल्म के निर्देशक अनुराग सिंह हैं। फिल्म का नाम केसरी रखा गया है। फिल्म अगले साल होली पर रिलीज होगी।
सलमान नहीं होंगे इसका हिस्सा
काफी समय से चर्चा में घिरी इस फिल्म के बारे में कहा जा रहा था कि सारागढ़ी पर बनी इस फिल्म में सलमान खान भी काम करने वाले हैं लेकिन हाल ही में पता चला है कि वे इस फिल्म का हिस्सा नहीं होंगे।
अजय देवगन भी बनाएंगे फिल्म
सूत्रों के अनुसार अजय देवगन भी इस विषय पर फिल्म बनाने वाले हैं। उन्होंने तो यह तक कह दिया है कि किसी को इस विषय पर फिल्म बनाना है तो बनाए लेकिन मैं इस पर फिल्म बनाऊंगा चाहे 2 वर्षों में ही क्यों न मेरी फिल्म पूरी हो।
केसरी पग में दिखेंगे अक्की
फिल्म का फस्र्ट लुक इतना इंटेंस और आकर्षक है कि कोई भी इसे बिना देखे न रह पाएगा। केसरी पग में अक्षय ने फिल्म के लिए अपना लुक बदला है और वे इसमें एक सिख की भूमिका निभा रहे हैं। इसमें उन्होंने बढ़ी हुई दाढ़ी-मूंछें रखी हैं। आंखों में गंभीरता लिए हुए अक्षय काफी संवेदनशील लग रहे हैं।
क्या थी सारागढ़ी लड़ाई ?
सारागढ़ी समाना की घाटियों में कोहाट के बॉर्डर पर एक छोटा-सा गांव हुआ करता था। सन् 1897, 12 सितंबर को तिरहा कैम्पेन के ठीक पहले सारागढ़ी की लड़ाई ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सिख सिपाहियों व अफगान पश्तो मिलिट्री के बीच नाॅर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस (जिसे अब खाइबर पख्तुनख्वाह, पाकिस्तान के रूप में जाना जाता है) में हुई थी।
आपको बता दें कि इस लड़ाई में वर्तमान में सिख रेजीमेंट की चैथी बटालियन के 21 सिखों को 10,000 अफगानों ने मार गिराया था। इन सिखों ने जान जाने तक अफगानियों को किले के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया था। बटालियन का नेतृत्व हवलदार ईशर सिंह ने किया था और वे अपनी अंतिम सांस तक अफगानियों से लड़ते रहे। उनकी शहादत के किस्से आज भी सिख समुदाय में प्रचलित हैं। सिख मिलिट्री द्वारा इन सिखों की शहादत को याद करते हुए हर वर्ष 12 सितंबर को सारागढ़ी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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