
Agristack Farmer Data Registration: जनपद में चल रहे एग्रीस्टैक योजना के तहत किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री कराना अनिवार्य कर दिया गया है. जिन किसानों ने अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, उन्हें 30 अप्रैल 2025 तक हर हाल में रजिस्ट्री करानी होगी. निर्धारित तिथि के बाद रजिस्ट्री न कराने वाले किसानों को मिलने वाली विभिन्न सरकारी सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी.
अभी तक सिर्फ 54% किसानों ने कराई रजिस्ट्री
खबरों के अनुसार, जनपद में कुल 3,44,199 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री तैयार की जानी है. लेकिन 31 मार्च 2025 तक मात्र 1,84,150 किसानों की ही रजिस्ट्री पूरा हुआ है. यानी अब भी 1,60,049 किसान इस प्रक्रिया से वंचित हैं.
फार्मर रजिस्ट्री क्यों है जरूरी?
फार्मर रजिस्ट्री एक केंद्रीकृत डाटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया है, जिसके तहत प्रत्येक किसान की पहचान, भूमि विवरण और कृषि गतिविधियों की जानकारी दर्ज की जाती है. यह रजिस्ट्री किसानों को कई लाभ दिलाने में सहायक होगी, जैसे:
- फसली ऋण और केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) ऋण की आसान स्वीकृति
- अनुदान पर खाद-बीज की सुविधा
- एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर उपज की बिक्री
- फसल बीमा और आपदा राहत के तहत मुआवजा प्राप्त करने की पात्रता
कैसे कराएं रजिस्ट्री?
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र या ग्राम पंचायत स्तर पर लगाए जा रहे कैंपों के माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री जल्द से जल्द करा लें. इसके लिए निम्न दस्तावेज अनिवार्य हैं:
- आधार कार्ड
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर
- भूमि के स्वामित्व का प्रमाण (खतौनी)
कृषि विभाग इस प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है ताकि हर पात्र किसान को उसका अधिकार मिल सके.
समय रहते करें पंजीकरण
सरकार द्वारा तय की गई 30 अप्रैल की अंतिम तिथि के बाद फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं से बाहर कर दिया जाएगा. इससे उन्हें न केवल आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि सरकारी सहायता से भी वंचित रहना पड़ेगा. कृषि विभाग के अधिकारी किसानों से लगातार संपर्क में हैं और जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं ताकि हर किसान इस रजिस्ट्री प्रक्रिया से जुड़ सके.
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