केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) के अंतर्गत बैंकों द्वारा प्रस्तुत ब्याज छूट दावों के निपटान की प्रक्रिया को स्वचालित तथा तीव्र बनाने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) तथा नाबार्ड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित वेब पोर्टल का शुभारंभ किया. इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, नाबार्ड के अध्यक्ष, डीएएंडएफडब्ल्यू तथा बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फसलों की भंडारण क्षमता बढ़ाने और किसानों का नुकसान कम करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ कृषि अवसंरचना कोष की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि क्रेडिट दावों के लिए हाल ही में शुरू की गई स्वचालन प्रणाली से दावों का एक दिन के भीतर समय पर निपटान सुनिश्चित होगा, जबकि मैनुअल निपटान में महीनों लग जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस कदम से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और भ्रष्ट तरीकों पर अंकुश लगेगा. चौहान ने कहा कि किसानों के अनुभव साझा करने के लिए नया पोर्टल कृषक समुदाय को एक-दूसरे के अनुभवों से लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे कई किसान हैं जो स्वयं प्रयोग कर रहे हैं और उनकी सफल कहानियों को दूसरों के लिए अनुकरणीय बनाया जाना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि अवसंरचना कोष के तहत आज तक 67,871 परियोजनाओं के लिए 43,000 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 72,000 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया गया है. इसके अतिरिक्त, बैंक ब्याज अनुदान दावों के शीघ्र निपटान की उम्मीद कर सकते हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि स्वचालित प्रणाली पोर्टल के माध्यम से सटीक पात्र ब्याज अनुदान की गणना करने में मदद करेगी, जिससे मैनुअल प्रसंस्करण में संभावित मानवीय त्रुटि से बचा जा सकेगा और दावों के तेजी से निपटान में भी मदद मिलेगी. पोर्टल का उपयोग बैंकों, डीए एंड एफडब्ल्यू और नाबार्ड की केंद्रीय परियोजना प्रबंधन इकाई (सीपीएमयू) द्वारा किया जाएगा. ब्याज अनुदान दावे और ऋण गारंटी शुल्क दावा प्रसंस्करण के स्वचालन से सरकार को सटीक ब्याज अनुदान जारी करने, टर्न-अराउंड समय को कम करने और बदले में किसानों और कृषि उद्यमियों को वित्तीय रूप से मदद करने और उन्हें देश में कृषि के विकास के लिए ऐसी और अधिक परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी.
कृषि कथा नामक ब्लॉगसाइट का शुभारंभ
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कथा नामक ब्लॉगसाइट का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य भारतीय किसानों की आवाज को प्रदर्शित करने के लिए एक डिजिटल मंच के रूप में कार्य करना है, जो देश भर के किसानों के अनुभवों, अंतर्दृष्टि और सफलता की कहानियों को बढ़ाने के लिए समर्पित है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय कृषि के विशाल और विविधतापूर्ण परिदृश्य में किसानों की आवाज़ और कहानियाँ अक्सर अनदेखी रह जाती हैं. हर फसल, हर खेत और हर फसल के पीछे लचीलेपन, संघर्ष, चुनौतियों और जीत की कहानी छिपी होती है. "कृषि कथा" का उद्देश्य एक व्यापक और मनोरंजक कहानी कहने का स्थान प्रदान करना है जहाँ भारत के कृषि समुदाय की कहानियों को साझा और मनाया जा सके.
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कृषि कथा का शुभारंभ हमारे किसानों की आवाज़ को मान्यता देने और उसे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनके लचीलेपन और नवाचार की कहानियां हमारे कृषि क्षेत्र की आधारशिला हैं और विश्वास व्यक्त किया कि यह मंच दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा. इस पहल के पीछे के उद्देश्य जागरूकता बढ़ाने, ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने, सहयोग को बढ़ावा देने और किसानों को सशक्त बनाने में सहायक होंगे.
कृषि कथा पर किसानों की आवाज़ें हमें बताती हैं कि कैसे किसानों ने खेती के नए-नए तरीकों का इस्तेमाल किया है और सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभ उठाया है, साथ ही समुदाय द्वारा संचालित खेती की परिवर्तनकारी शक्ति की कहानियां भी बताती हैं. इसका उद्देश्य भारतीय किसानों की कहानियों को प्रेरित करना और प्रदर्शित करना है और खेती के पेशे में गर्व की भावना को बढ़ावा देना और किसानों के बीच लचीलापन बढ़ाना है. संक्षेप में यह भारत की खेती और किसानों का जश्न मनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है.
कृषि अवसंरचना निधि योजना 2020 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य नुकसान को कम करने, किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने, कृषि में नवाचार लाने और कृषि अवसंरचना के निर्माण के लिए निवेश आकर्षित करने के लिए फसल उपरांत प्रबंधन अवसंरचना का विकास करना है. इस योजना के तहत 2025-26 तक बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से ₹ 1 लाख करोड़ का कुल वित्तपोषण किया जाएगा. इस योजना के तहत लाभार्थियों को बैंकों द्वारा दिए गए ₹ 2 करोड़ तक के ऋण पर अधिकतम 7 वर्षों की अवधि के लिए 3% ब्याज छूट दी जाएगी, साथ ही बैंकों द्वारा भुगतान की गई क्रेडिट गारंटी फीस की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी.
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