देश में कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. जिसके लिए कृषि से जुड़े हर एक क्षेत्र में तकनीक और ज्ञान का संचार किया जा रहा है. किसान उत्पादक संगठन भी किसानों के हित के लिए कार्य कर रहे हैं. कृषि मंत्री ने आज संसद में एफपीओ को लेकर आंकड़े जारी किए, जिसमें उन्होंने कहा कि देश भर में कुल 4,748 किसान उत्पादक संगठन (FPO) पंजीकृत हो चुके हैं.
किसान उत्पादक संगठन क्या है?
किसान उत्पादक संगठन (FPO) एक उभरता हुआ संगठन है. एफपीओ किसानों का एक संगठन या कहें कि स्वंय सहायता समूह होता है. यह संगठन खुद किसानों की समस्या को सुनकर उनका समाधान निकालने का काम करता है. इतना ही नहीं एफपीओ के माध्यम से किसानों को बीज, खाद, मशीनरी, मार्केट लिंकेज, ट्रेनिंग, नेटवर्किंग, वित्तीय सहायता और नई टेक्नोलॉजी उपलब्ध करवाई जा रही है.
भारत में 4,748 किसान उत्पादक संगठन (FPO) हुए पंजीकृत
कृषि मंत्री आज मंलगवार को लोकसभा में कहा कि देश भर में कुल 4,748 किसान उत्पादक संगठन (FPO) पंजीकृत हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों को 10,000 एफपीओ आवंटित किए गए हैं जो 2020 में शुरू की गई योजना के अनुरूप है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. साथ ही एफपीओ के किसानों को क्रेडिट गारंटी सुविधा और इक्विटी अनुदान के साथ 3 तीन साल की अवधि के लिए प्रति एफपीओ 18 लाख रुपए दिए जा रहे हैं.
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10,000 FPO का लक्ष्य
भारत सरकार ने 2024 तक 10,000 एफपीओ गठित करने का लक्ष्य रखा है. जिसके माध्यम से देश के 30 लाख किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. बता दें कि कि हर एक किसान उत्पादक संगठन (FPO) में न्यूनतम 11 किसानों को शामिल करना अनिवार्य है. साथ ही एफपीओ के गठन व संचालन के लिए भारत सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है.
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