किसानों की आमदनी डबल करने वाले लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार लगातार मधुमक्खी पालन (Bee farming) को बढ़ावा दे रही है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ‘मन की बात’ में मीठी क्रांति (Sweet Revolution) का जिक्र किया था.
उन्होंने बताया था कि अब भारत विश्व के पांच सबसे बड़े शहद उत्पादक (Honey Producer) देशों में शामिल हो चुका है. इससे अब रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे. इसी क्रम में अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अमूल हनी लॉन्च करने वाले हैं.
कृषि मंत्रालय की मानें, तो सरकार की तरफ से शहद के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, साथ ही इसके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) शुरू किया गया है.
इस मिशन की घोषणा आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत की गई है. बता दें कि सरकार ने मधुमक्खी पालन के महत्व को ध्यान में रखते हुए तीन साल (2020-21 से 2022-23) के लिए NBHM के लिए 500 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.
बताया जा रहा है कि इस केंद्रीय योजना में एफपीओ के तहत शहद उत्पादकों के रूप में 100 उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे.
इस प्रक्रिया में नेशऩल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED), नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) और ट्राइबेल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (TRIFED) को भी शामिल किया गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन मिशन की मदद से एफपीओ के गठन, समूहों की पहचान और मधुमक्खी पालन गतिविधियों को लागू करने के कार्यक्रम किए जाएंगे. इस संबंध में जानकारी मिली है कि अमूल सहकारी समिति का मजबूत नेटवर्क है.
इसके तहत शहद एकत्रीकरण, पैकेजिंग और ब्रांडिंग की प्रक्रिया में भी जारी की जा सकती है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के तहत वैज्ञानिकों की मदद और उच्च तकनीक द्वारा मधुमक्खी पालन कर 'मधु क्रांति' हासिल की जाएगी.
बता दें कि मौजूदा समय में शहद उत्पादन का व्यवसाय काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. ये सेहत के लिए भी काफी लाभकारी होता है. ऐसे में सरकार की तरफ से मिलने वाली मदद शहर उत्पादन में एक नई क्रांति ला सकता है.
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