कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में 21 दिसंबर, 2020 को 1 से 2 बजे के बीच भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में छात्रों के साथ संवाद आयोजित किया जायेगा.
इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Chaudhary) एवं परषोत्तम रूपाला भी शिरकत करेंगे.
माननीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में दिनाँक 21 दिसंबर 2020 को 1 से 2 बजे अपराह्न तक भारत सरकार की विभिन्न योजनाओ के बारे में छात्रों के साथ संवाद आयोजित किया जायेगा। #FarmActs2020 pic.twitter.com/ezusDCDA7W
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) December 20, 2020
गौरतलब है दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान कड़ाके की सर्दी में बीते करीब चार हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इनमें ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं. किसान संगठनों का यह भी आरोप है कि नए क़ानून की वजह से कृषि क्षेत्र भी पूँजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा और इसका नुक़सान किसानों को होगा.
उनका कहना है कि जिन उत्पादों पर किसानों को MSP नहीं मिलती, उन्हें वो कम दाम पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं. प्रदर्शनकारियों को यह डर है कि एफ़सीआई अब राज्य की मंडियों से ख़रीद नहीं कर पाएगा, जिससे एजेंटों और आढ़तियों को क़रीब 2.5% के कमीशन का घाटा होगा. साथ ही राज्य भी अपना 6 प्रतिशत कमीशन खो देगा, जो वो एजेंसी की ख़रीद पर लगाता आया है.
इसी क्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान भाइयों और बहनों के नाम पत्र भी लिख चुके हैं. लेकिन किसान अभी भी सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच किसानों ने आज एक दिवसीय भूख हड़ताल (Farmers Hunger Strike) का भी ऐलान किया है. दूसरी तरफ सरकार ने किसानों को फिर से बातचीत का न्योता भेजा है.
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