कृषि कार्यों में मशीनों का प्रयोग किसानों के लिए हर दृष्टि से फायदे का सौदा है, यह कम लागत के साथ किसानों के लिए किफायती माना जाता है. इसी क्रम में राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किसानों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर शुरू करने की एक नई पहल की है. जिसमें अब किसानों को सहकारी समितियों की तरफ से सस्ती दर पर ट्रैक्टर, हल, रोटावेटर, ट्रॉली और थ्रेसर जैसे कृषि यंत्र उपलब्ध होंगे.
कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेंटर शुरू होने से किसानों को अब कृषि मशीनरी ट्रैक्टर, हल, रोटावेटर, ट्रॉली, थ्रेशर और अन्य उपकरण बाजार से कम दरों पर किराए पर मिल रहे हैं. इससे गांव के किसानों को घर-घर नहीं भटकना पड़ेगा. बता दें कि तीन साल में 1000 कस्टम हायरिंग की स्थापना की जा रही है.
17 ग्राम समिति का चयन हुआ (17 Village Committees Were Selected)
कटारिया जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की ओर से कस्टम हायरिंग सेंटर से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे. कृषि मंत्री ने जयपुर जिले की चयनित 17 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेंटर (मशीन बैंक) के लिए कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) एवं ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
इस खबर को पढें - UP Krishi Yantra Subsidy Scheme 2021: कृषि यंत्रों की खरीद पर मिल रही 50% सब्सिडी, जानें पात्रता, दस्तावेज व टोकन हेतु ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
इनमें भैंसावा, बोबास, दूधली, रूण्डल, धवली, नवलपुरा, कालवाड, दुर्जनियावास, धानक्या, पचार, झो. भोजपुरा, चांदमाकंला, बजरंगपुरा, सांगटेडा, हांसियावास, भैसलाना एवं शुक्लाबास की समिति शामिल हैं. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि जोत का आकार घट रहा है. ऐसे में किसान के पास कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं है. सरकार के इस प्रयास से किसानों को स्थानीय स्तर पर कम दरों पर कृषि मशीनरी किराए पर मिल सकेगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा है कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों को मजबूत किया जाए. उनकी सोच के मुताबिक, जीएसएस को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. वर्तमान तकनीक को ध्यान में रखते हुए जीएसएस को ट्रैक्टर, हल और रोटावेटर सहित अन्य उपकरण सस्ती दरों पर उपलब्ध कराए गए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं. इस वर्ष 285 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और 17 एफपीओ में कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं.
Share your comments