बिहार में लगातार बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. एक तरफ जहां कई किसानों की फसलें बाढ़ के कारण पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, तो वहीं दूसरी ओर कई किसानों के घर भी पूरी तरह से उजड़ गए हैं. किसानों के बीच लगातार बाढ़ को लेकर स्थिति भयावह बनी हुई है. बिहार में कई किसान तो ऐसे भी हैं, जिनकी सिर्फ फसल ही नहीं, बल्कि पूरे खेत ही बह गए हैं, उनके लिए अपने खेतों को बचाना भी काफी मुश्किल हो गया है.
बाढ़ कि स्थिति को देखते हुए बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान की सरकार भरपाई करेगी. उन्होंने कहा कि किसानों को फसल, सब्जी व फल नुकसान के लिए नियमानुसार इनपुट अनुदान दिया जाएगा. मंत्री ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों के साथ फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा की. वहीं इस क्रम में आज प्रेम कुमार क्षेत्रीय व जिला कृषि पदाधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे. मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि नुकसान के बाद किसानों को आवश्यक बीज इत्यादि उपलब्ध कराने की व्यव्सथा की जाए. उन्होंने कृषि अधिकारियों को कहा कि बाढ़ नियंत्रण से संबंधित अधिकारियों के संपर्क में रहें और किसानों को आवश्यक राहत दिलाते रहें. उन्होंने साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि बाढ़ का पानी निकलवाने का प्रयास किया जाए और हर संभव कार्रवाई करते रहें.
आपदा प्रबंधन टीम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में 10 जिलों की करीब 6 लाख 36 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है और लाखों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. बिहार में बाढ़ से 10 जिलों में हुए नुकसान की बात करें, तो इनमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण एवं खगड़िया जैसे जगहों के नाम शामिल हैं.
बता दें कि बिहार में धान, गेहूँ, मक्का, दलहन, तिलहन, तम्बाकू,सब्जी तथा केला, आम और लीची, जौ, चना, खेसारी, मटर, मसूर, अरहर, अलसी, सरसों, इत्यादि जैसे फसलों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
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