किसानों की आय डबल करने के लिए केंद्र सरकार हमेशा से अलग - अलग हथकंडे अपनाती रही है. इसके लिए कभी कृषि औजार पर सब्सिडी तो कभी प्रोत्साहन पुरस्कार देती रही है. इसी कड़ी में बिहार के किसानों की प्रोत्साहन हेतु इस बार प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जा रहा है. दरअसल इस बार कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए बिहार का चयन किया गया है. बिहार को यह पुरस्कार गेहूं की फसल उत्पादन में अच्छे प्रदर्शन के लिए दिया जा रहा है. इसके साथ ही केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर बिहार के दो किसानों को ज्यादा मात्रा में गेहूं उत्पादन करने पर पुरस्कार से भी सम्मानित करेगी. इसके साथ ही केंद्र सरकार राज्य सरकार को इनाम में 2 करोड़ रुपये के साथ -साथ ट्रॉफी भी दी देगी.
सरकार द्वारा चयनित हुए दोनों किसानों को इनाम में 2 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी. इसके लिए केन्द्र ने कृषि विभाग के सचिव डा. एन सरवण कुमार को 10 अक्टूबर से पहले ऐसे दो किसानों की सूचि केंद्र को भेजने को कहा है जिन्होंने राज्य में ज्यादा गेहूँ उत्पादन किया है. बिहार राज्य को इस पुरस्कार को लेकर पांचवीं बार कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा जायेगा.
गौरतलब है कि इससे पहले भी चावल और गेहूं के लिए एक-एक बार और मक्का के उत्पादन के लिए दो बार कृषि क्षेत्र में देश का यह सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिल चुका है.जानकारी के लिए बात दे कि बिहार को पहली बार कृषि कर्मण पुरस्कार 2011-12 में चावल अधिक उत्पादन के लिए मिला था. उसके बाद 2012-13 में गेहूं व 2015-16 व 2016-17 में मक्का के अधिक उत्पादन के लिए पुरस्कार मिला. 2017-18 में राज्य में गेहूं का कुल उत्पादन 61. 04 लाख टन हुआ था. उस वर्ष राज्य में कुल अनाज का उत्पादन 178. 03 लाख टन हुआ है.
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