1. Home
  2. ख़बरें

कृषि निर्यात नीति के लिए एपिडा और नाबार्ड में समझौता

कृषि निर्यात नीति को लागू करने के लिए एपिडा संस्था (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) लगातार राज्य सरकारों के साथ सहयोग करता है. इसी पहल के तहत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, नागालैंड, तमिलनाडु, असम, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, सिक्किम और उत्तराखंड ने अपना एक्शन प्लान तैयार कर लिया है जबकि दूसरे राज्य भी एक्शन प्लान को तैयार करने में लगे हैं. इसी तरह 28 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों ने नोडल एजेंसी भी चुन ली है. इसके साथ ही 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय निगरानी समिति (State level monitoring committee) का भी गठन कर लिया गया है. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एपिडा संस्था के सचिव और नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर ने किए.कृषि निर्यात नीति को लागू करने के लिए एपिडा संस्था (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) लगातार राज्य सरकारों के साथ सहयोग करता है. इसी पहल के तहत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, नागालैंड, तमिलनाडु, असम, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, सिक्किम और उत्तराखंड ने अपना एक्शन प्लान तैयार कर लिया है जबकि दूसरे राज्य भी एक्शन प्लान को तैयार करने में लगे हैं. इसी तरह 28 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों ने नोडल एजेंसी भी चुन ली है. इसके साथ ही 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय निगरानी समिति (State level monitoring committee) का भी गठन कर लिया गया है. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एपिडा संस्था के सचिव और नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर ने किए.

हेमन्त वर्मा
APEDA
APEDA

कृषि निर्यात नीति को लागू करने के लिए एपिडा संस्था (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) लगातार राज्य सरकारों के साथ सहयोग करता है. इसी पहल के तहत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, नागालैंड, तमिलनाडु, असम, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, सिक्किम और उत्तराखंड ने अपना एक्शन प्लान तैयार कर लिया है जबकि दूसरे राज्य भी एक्शन प्लान को तैयार करने में लगे हैं. इसी तरह 28 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों ने नोडल एजेंसी भी चुन ली है. इसके साथ ही 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय निगरानी समिति (State level monitoring committee) का भी गठन कर लिया गया है. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एपिडा संस्था के सचिव और नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर ने किए.

इन राज्यों ने किया कलस्टर समितियों का गठन (These states formed clusters committees)

यूपी में आम, आलू, ताजी सब्जियों के लिए, राजस्थान में इसबगोल, महाराष्ट्र में संतरे, अनार, अंगूर, केला, प्याज के लिए, तमिलनाडु और केरल में केला के लिए, गुजरात और यूपी में डेयरी उत्पाद, कर्नाटक में गुलाब के लिए कलस्तर समितियों का गठन किया गया है.

इस समझौते से होंगे ये फायदे (These benefits will be from this agreement)

इस मौके पर है एपीडा के चेयरमैन डॉ. एम अंगमुथु और नाबार्ड के चेयरमैन डॉ. जीआर चिंतला भी मौजूद थे, जिन्होंने कृषि निर्यात नीति के लिए एपीडा और नाबार्ड की साझेदारी से लाभ की जानकारी दी. इस समझोते से एपीडा और नाबार्ड मिलकर संबंधित हितधारकों की  क्षमता को बढ़ावा मिलेगा. एफ़पीओ के विकास के लिए जरूरी योजना का निर्माण किया जाएगा. एपीडा और नाबार्ड मिलकर एक कार्यक्रम तैयार करेंगे जो सरकारी समितियों, FPO को तकनीकी सहायता देंगा, इसके साथ दोनों संस्थाएं मिलकर राज्यों में कलस्टर की पहचान भी करेंगी.

English Summary: Agreement between APEDA and NABARD for Agricultural Export Policy Published on: 31 December 2020, 12:03 PM IST

Like this article?

Hey! I am हेमन्त वर्मा. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News